शिमला, जसपाल ठाकुर
डीएलएड कर रहे सूबे के सैकड़ों प्रशिक्षुओं का भविष्य टीपी (टीचिंग प्रैक्टिस) न होने से एक साल बरबाद होने की कगार पर है। वर्ष 2020 में डाइट से डीएलएड कर रहे प्रशिक्षुओं की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दिसंबर में हो चुकी हैं। प्रथम वर्ष में 35 दिन और द्वितीय एवं अंतिम वर्ष में 112 दिनों की टीचिंग प्रैक्टिस करवाई जाती है। द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षु स्कूल बंद होने के कारण टीचिंग प्रैक्टिस नहीं कर पाए हैं।
कायदे से दिसंबर में डीएलएड का कोर्स खत्म हो जाता है, लेकिन टीपी न होने से चार माह बाद भी इन प्रशिक्षुओं का कोर्स खत्म नहीं हुआ है। शिक्षा बोर्ड ने स्कूल खुलने के बाद 31 मार्च तक कुछ प्रशिक्षुओं की टीपी लगाई है। वे अन्य कोर्सों में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि अभी उनकी डीएलएड पूरी नहीं हो पाई है।
ऐेसे में इनकी डीएलएड दो के बजाय तीन वर्ष में पूरी होगी। प्रशिक्षुओं में श्रद्धा, शितेश, अंजना और बबिता आदि ने कहा कि वे फरवरी में राज्य परियोजना निदेशक से मिले थे और टीपी के दिन कम करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
ऐसे में जिन प्रशिक्षुओं को ने अन्य कोर्सों में प्रवेश लेना है अथवा ले लिया है, उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बिना टीपी परीक्षा परिणाम भी नहीं आ रहा है। उन्होंने राज्य परियोजना निदेशक से टीपी में छूट देने की मांग की है। उधर, डाइट हमीरपुर के प्रधानाचार्य धर्मपाल ने कहा कि कोरोना के कारण समस्या हो रही है। दोबारा उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। अंतिम निर्णय सरकार ही लेगी।