टांडा मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु चिकित्सको ने मांगो को लेकर की दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक

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कांगड़ा- राजीव जसवाल 

जिला कांगड़ा में आज हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर टांडा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत सभी फैकल्टी मेंबर, सीनियर रेजिडेंट और प्रशिक्षु चिकित्सकों ने 2 घंटे पेन डाउन स्ट्राइक का आयोजन किया।

आज के दिन की इस पेन डाउन स्ट्राइक में 300 प्रशिक्षु चिकित्सकों ने भाग लिया, इस दौरान सभी चिकित्सकों ने बहरी रोग सेवाओं (OPD ) का बहिष्कार किया और अपनी मांगों के लिए मूक प्रदर्शन किया।

टांडा मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ मुकुल भटनागर ने कहा कि पेन डाउन स्ट्राइक का आयोजन रोज़ाना प्रातः 09 :30 से 11 :30 बजे तक किया जाएगा और यह विरोध प्रदर्शन आगामी तीन दिनों तक किया जाएगा।

TAMCOT एवं RDA ने इस विरोध प्रदर्शन के ज़रिये अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा। जिनमे निम्नलिहित मांगें प्रमुख हैं:

1) चिकित्सकों के नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ते को पंजाब की तर्ज पर 25% से कम कर कर 20% कर दिया गया है और साथ में बेसिक प्लस एनपीए वेतन की अधिकतम सीमा ₹218600 निश्चित कर दी गई है, जबकि पंजाब में यही सीमा ₹237600 है। संघ की मांग है कि बेसिक प्लस एनपीए की अधिकतम सीमा को पंजाब की तर्ज पर ही चिकित्सकों के लिए 237600 की जाए और एनपीए को 25% ही रहने दिया जाये।

2)जैसा कि सातवें वित्त आयोग में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी होने के दिन तक चिकित्सकों को 25% एनपीए दिया उसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी चिकित्सकों को 1 जनवरी 2022 तक एनपीए 25% की तर्ज पर पर ही रहना चाहिए।

3) प्रदेश चिकित्सकों के पास बहुत कम प्रमोशनल पोस्ट हैं, जिसके लिए हमें टाइम स्केल 4-9-14 दिया जाता रहा है। लेकिन इस वेतन आयोग की अधिसूचना में चिकित्सकों का 4-9-14 टाइम स्केल भी बंद कर दिया गया है। कई वर्षो से हमारे मेडिकल अफसर, बीएमओ पोस्ट की तरक्की के लिए इंतजार कर रहे हैं लेकिन बरसों से कोई भी नियमित पदोन्नति विभाग में नहीं हो पा रही है। ऐसे में 4-9-14 टाइम स्केल ही हमारे चिकित्सकों के लिए एक आशा की किरण बनी रहती है और एक सांत्वना बनी रहती है कि चलो पदोन्नति नहीं मिली तो कम से कम टाइम स्केल ही मिल गया। संघ की मांग है चिकित्सकों के टाइम स्केल 4-9-14 को जारी रखा जाये।

4) नए वेतन आयोग में हमारे अनुबंधित चिकित्सकों के लिए एंट्री लेवल रुपये 56100 का केवल 60% मानदेय तय किया है, जोकि चिकित्सकों के साथ सरासर बे-इन्साफी की है। उनका मानदेय वही होना चाहिए जो एक नियमित डॉक्टर का एंट्री लेवल मानदेय है, क्योंकि एक पद पर दो तरह के वेतन नहीं हो सकते इसलिए इस वेतन विसंगति को दूर करते हुए अनुबंधित चिकित्सकों का वेतन 56,100 प्लस एनपीए किया जाए।

5) विशेषज्ञ चिकित्सा अलाउंस पिछले कई वर्षों से ₹7000 प्रतिमाह दिया जा रहा है इसलिए आपसे अनुरोध है इसको 7000 से बढ़ाकर 20000 प्रतिमाह किया जाए और इसे महंगाई दर से जोड़ कर समय समय पर इस भत्ते की वृद्धि की जानी चाहिए I इसका भत्ते का सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों को मिलना चाहिए चाहे वह फील्ड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं चाहे वह मेडिकल कॉलेजेस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

पेन डाउन स्ट्राइक के दौरान मरीज़ों के हित में आपातकालीन सेवाएं, कोविड सम्भंदित सेवाएं और प्रसूति कक्ष में सेवाएं सुचारु रूप से जारी रही I

डॉ मुकुल ने कहा कि पेन डाउन स्ट्राइक के बाद भी अगर संयुक्त संघर्ष कि मांगें नहीं मानी गयी तो संघर्ष का और उग्र रूप किया जाएगा जिसकी रूपरेखा संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा जल्द ही तय कि जाएगी।

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