काँगड़ा – राजीव जस्वाल
टांडा में कार्यरत सुरक्षा कर्मियों पर एक बार फिर से कालेज प्रशासन और सुरक्षा कर्मी आपूर्ति करने वाली हिमाचल प्रदेश सर्विसमैन कार्पोरेशन के बीच भुगतान विवाद के चलते छंटनी का खतरा मंडराने लगा है। हिमपैस्को ने कालेज प्रशासन को नोटिस दिया था कि उनका भुगतान तुंरत किया जाए, अन्यथा वो अपना सुरक्षा कर्मी आपूर्ति का टेंडर खत्म कर देंगे।
अब हिमप्रैस्को की ओर से कालेज में एक आम नोटिस निकालकर 16 अप्रैल से सुरक्षा कर्मियों को काम पर न आने का तानाशाही पूर्ण फरमान जारी कर दिया है। इसको लेकर सुरक्षा कर्मियों को काफी रोष है। इसके के साथ सुरक्षा कर्मियों ने नाेटिस वापस लेने और नौकरी की सुरक्षा को लेकर आंदोलन करने का ऐलान भी कर दिया।
सुरक्षा कर्मियों की यूनियन टांडा मेडिकल कालेज सुरक्षा कर्मचारी यूनियन प्रधान विवेक राणा व सचिव सुनील ने हिमपैस्को व कालेज प्रशासन पर सुरक्षा कर्मियों का शोषण करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि जब से सुरक्षा कर्मियों ने यूनियन का गठन किया है, तब से कालेज प्रशासन व हिमपैस्को लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं। जिससे सुरक्षा कर्मियों को काम से हटाया जा सके। यूनियन नेताओं ने कहा कि हिमपैस्को एक सरकारी कार्पोरेशन है, लेकिन श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों को आज तक नियुक्ति पत्र भी नहीं दिया गया।
प्रदेश स्तर की कार्पोरेशन होने के नाते बिना वरिष्ठता सूची बनाए किसी भी कर्मी को एकाएक नौकरी से नहीं हटाया जा सकता। इस रोजगार के ज़रिए सरकार फौजियों के पुनर्वास का दावा करती हैं और इस बात का श्रेय लेती है कि फौजियों को रोजगार मुहैया करवाया है तो 60 साल की सेवानिवृति की आयु से पहले काम से कैसे हटाया जा सकता है।
अगर ऐसा किया जा रहा है तो ये श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कर्मियों का यह मसला जल्द नहीं सुलझाया गया तो वह आंदोलन करेंगे।