हिमखबर डेस्क
उन छात्रों का भविष्य क्या होगा, जिनकी आंसरशीट्स को किसी प्रोफेसर ने नहीं, बल्कि चपरासी ने चैक किया हो। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन हकीकत में ऐसा हुआ है। मामला मध्य प्रदेश का है, जहां एक चपरासी ने कालेज छात्रों के पेपर चैक किए और उसके बदले 5000 हजार रुपए भी लिए।
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिला के पिपरिया स्थित शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक चपरासी ने छात्रों के पेपर चैक किए। मामले का खुलासा तब हुआ जब सीसीटीवी कैमरा में चपरासी पन्नालाल पेपर चैक करता नजर आया।
जब मामले में पूछताछ की गई तो पता चला कि एक महिला प्रोफेसर खुशबू पगारे को यह पेपर चैक करने को मिले थे। जब प्रोफेसर से पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि उसकी तबीयत खराब थी, जिसके चलते उसने कॉलेज के बुक लिफ्टर को 7000 रुपए देकर किसी ओर से पेपर चैक करवाने के लिए कहा। किस्सा रोचक तो तब हुआ जब बुक लिफ्टर ने किसी प्रोफेसर की बजाय चपरासी को पांच हजार रुपए देकर पेपर चैक करवा दिए।
मामले का खुलासा तब हुआ जब पेपर चैकिंग का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद मामला उच्च शिक्षा विभाग के ध्यान में आया, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए विभाग ने कॉलेज प्रभारी प्राचार्य राकेश कुमार और प्रोफेसर रामगुलाम पटेल को सस्पेंड कर दिया है। उधर, पेपर चैकिंग के इस फ्रॉड को लेकर कालेज छात्रों में भारी रोष है और उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है।