गांव में बिजली, सड़क और पानी ना होने के चलते लड़कों से बाहर गांव की लड़कियां रिस्ता भी नहीं बनाना चाहती

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चम्बा – भूषण गुरुंग

चम्बा जिला में बहुत से ऐसी पंचायतें हैं जहां पर बहुत से गांव को सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा गया है, जिसकी वजह से वहां के ग्रामीणों को सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधा कोसों दूर दिख रही है। चम्बा जिला की कोहलडी पंचायत की बात करें तो यहां के अधिकतर गांव अब तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं।

जिनमे मुख्यता भमरोता, डिबरी, लाहड, पखरोग, झगरोता, कुट, कसियाल व लोधरी जैसे कई गांव हैं जो आज भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं। आजादी के इतने साल बीत जाने के बावजूद इन लोगों को सरकार की बहुत सी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। मजबूरन बहुत से ग्रामीण यहां अपने गांव से पलायन कर चुके हैं।

इस पंचायत का काफी हिस्सा सेंचुरी एरिया में आता है लेकिन जहां यह मार्ग इस क्षेत्र से बाहर है वहां पर भी सड़क नहीं बन पाई है। सड़क मार्ग न होने की वजह से यहां के लोगों को करीब चार-पांच किलोमीटर पैदल सफर तय कर मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है।

रास्ते में इतने घने जंगल हैं यहां पर हमेशा ही जंगली जानवरों का भी खतरा रहता है। अगर किसी ने इस रास्ते से आना जाना हो तो उन्हें एक साथ सामूहिक तौर पर चलना पड़ता है। ताकि जंगली जानवर अगर सामने दिख जाए तो उनसे बचा जा सके।

इस गांव के लोगो व युवाओं ने बताया की गांव के अधिकतर युवा नौकरी के लिए आसपास के क्षेत्र में चले जाते हैं और अगर ग्रेंड पेरेंट्स से मिलने गांव आना पड़े तो यहां न टी इंटरनेट की प्रॉपर सुविधा नहीं है साथ ही यहां विजली की भी दिक़्क़र रहती है।

स्थानीय लोगों ने बताया की उनके गांव को सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा गया है जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें अगर गांव में पहुंचना हो तो अकेले नहीं पहुंच सकते क्योंकि रास्ते में जंगली जानवरों का डर रहता है इसीलिए उन्हें एक साथ गांव में आना जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि गांव में किसी भी प्रकार का कोई सामान लाना हो तो उसे पीठ पर उठाकर या घोड़ों पर ले जाना पड़ता है जिसमें उन्हें काफी नुकसान होता है।

वही गांव गांव की कुछ ग्रामीण में वृद्ध महिलाओं ने बताया की उनके गांव के लड़कों से बाहर गांव की लड़कियां रिस्ता भी नहीं बनाना चाहती हैं क्योंकि यहां सड़क मार्ग नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके बच्चे हमेशा ही दहशत में स्कूल जाते हैं क्योंकि जंगली जानवरों का खतरा रहता है।

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