ज्वाली – ब्यूरो
को-ऑप्रेटिव सोसायटी के पैसों के गबन का आरोप सिद्ध होने पर अदालत ने चलवाड़ा को-ऑप्रेटिव एग्रीकल्चर सोसायटी के तत्कालीन प्रधान सुधान सिंह को दोषी करार देते हुए 2 वर्ष के कारावास व 5000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
जुर्माना अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। मामले में 12 गवाहों की गवाही व अभियोजन एवं बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद शुक्रवार को न्यायिक दंडाधिकारी विवेक कायस्थ की ज्वाली स्थित अदालत ने यह फैसला सुनाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2009 में जोगिंदर सिंह निवासी समकेहड़ तहसील ज्वाली ने न्यायिक दंडाधिकारी ज्वाली की अदालत में शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया था कि चलवाड़ा को-ऑप्रेटिव एग्रीकल्चर सोसायटी लिमिटेड के प्रधान सुधान सिंह ने सोसायटी के सचिव के साथ मिलकर उसके नाम पर 20000 रुपए निकालकर गबन किया है। एवं वह पैसे सुधान सिंह ने उसे नहीं दिए हैं।
इस पर अदालत के आदेश पर ज्वाली पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि जांच के दौरान सोसायटी के सचिव की इस मामले में कोई संलिप्तता नहीं पाई गई थी।
सहायक जिला न्यायवादी रवि कुमार ने बताया कि मामले की तफ्तीश पूर्ण होने के बाद दोषी सुधान सिंह के खिलाफ चार्जशीट अदालत में पेश की गई थी, जिस पर न्यायिक दंडाधिकारी ज्वाली की अदालत में मामले की सुनवाई चली।
सुनवाई के दौरान आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोप सिद्ध हुए व अभियोजन एवं बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी विवेक कायस्थ की अदालत ने शुक्रवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए उक्त सजा सुनाई।