कोर्ट के आदेश पर ही मांगी सालाना फीस।

--Advertisement--

कांगड़ा, राजीव जसवाल

स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन ने सालाना फीस वूसली के मुद्दे पर अभिभावकों की ओर किए जा रहे हंगामे को आधारहीन बताया है। पत्रकार वार्ता में प्रिंसिपल आरती शर्मा ने स्कूल का पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देशानुसार और कोर्ट के फैसले के आधार पर यह एनुअल चार्जर्स की मांग की गई है। प्रिंसिपल आरती शर्मा ने कहा कि प्रदेश हाईकोर्ट ने भी माना है कि स्कूल चलाने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है।लेकिन अब फीस न देने के नाम पर वेवजह ही स्कूल में हंगामा खड़ा किया जा रहा है, जो सही नहीं है।

प्रिंसिपल आरती शर्मा ने कहा कि कोरोना के इस दौर में हमें अभिभावकों से सहयोग की आवश्यकता है और मिल बैठकर ही इस मुद्दे को निपटाया जा सकता है। हंगामा किसी चीज का हल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में कई अभिभावक फीस देने के असमर्थ लेकिन उनपर किसी तरह का दवाब नहीं डाला गया। प्रिंसिपल ने कहा कि स्कूल समय-समय पर जरूरतमंदों की सहायता करता आया है और आगे भी करता रहेगा।

प्रिंसिपल आरती शर्मा ने कहा स्कूल में आने वाला पैसा बच्चों पर ही खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल के कुछ खर्चे ऐसे है जिन्हें अभिभावक नहीं देख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक साल से स्कूल की बसें खड़ी हैं लेकिन उनका टैक्स समय पर देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में किसी भी अभिभावक पर ट्यूशन फीस देने के लिए दवाब नहीं डाला गया। वहीं ट्यूशन फीस स्कूल स्टाफ को सैलरी देने में निकल जाती है।

अभिभावकों की मांग से पहले ही सालाना फीस में कटौती;

प्रिंसिपल आरती शर्मा ने कहा कि अभिभावकों की मांग से पहले ही स्कूल ने कोरोना और अर्थिक संकट को समझते हुए सालाना शुल्क को घटा दिया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और स्थानीय लोगों की स्थिति को देखते हुए हमारे स्कूल में फीस का प्रावधान बाकी स्कूलों से काफी कम है।

क्वालिटी एजुकेशन से समझौता नहीं;

स्कॉलर इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन का कहना है कि क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने पर संस्थान का अधिकर जोर है। छात्रों को स्कूल में सभी अत्याधुनिक तरीकों से शिक्षा प्रदान की जा रही है। स्कूल की स्मार्ट क्लासेज विश्व स्तर की हैं। छात्रों को समय के अनुसार हर तकनीक के जरिए पढ़ाया जा रहा है। वहीं छात्रों को आने-जाने में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए स्कूल की स्वयं की उच्च स्तर की परिवहन व्यवस्था है। गांवों से लेकर शहर तक स्कूल की बसें बच्चों को लाती और ले जाती हैं।

जरूरतमंद छात्रों को देंगे सहायता;

स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि आर्थिक रूप कमजोर जो कोई भी अभिभावक फीस देने में असमर्थ है तो वह व्यक्तिगत रूप से उनसे बात कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह स्कूल को पंचायत का आर्थिक प्रमाण पत्र दे सकते हैं। स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि सभी अभिभावक शरारती और बाहरी लोगों की बातों में न आकर शांतिप्रियता से स्कूल प्रिंसिपल से बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन से कोई समझौता नहीं होगा, इसके लिए स्कूल कृतसंकल्प है।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

सड़क दुर्घटना के घायलों का होगा डेढ़ लाख तक कैशलैस इलाज

सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने स्वास्थ्य विभाग...

वर्षा में भी बिना रुके कार्य कर रहे विद्युत कर्मचारी

हिमखबर डेस्क आपदा प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति को शीघ्र...