डलहौजी- भूषण गूरुंग
डलहौजी, आजाद हिंद फौज के संस्थापक, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक व तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा देकर देशवासियों का जोश बढ़ाकर अंग्रेजी हकूमत की नींव हिलाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हो और डलहौजी का नाम न आए ऐसा कभी हो नहीं सकता।
आज नेताजी की 125वीं जयंती हैं। नेताजी का पर्यटन नगरी डलहौजी से अटूट नाता रहने के चलते डलहौजी के सुभाष चौक में भी उनके स्मारक पर जयंती पर कार्यक्रम आयोजित होगा।
वैसे तो नेताजी के डलहौजी से संबंध के बारे में अधिकतर लोग जानते हैं मगर आज हम नेताजी की डलहौजी से जुड़ी कुछ ख़ास बातों से आपको अवगत करवाएंगे।
अंग्रेजी हुकूमत के समय जब नेताजी हिरासत के दौरान क्षयरोग की चपेट में आए तो उन्हें रिहा कर दिया था। जिसके बाद वर्ष 1937 में नेताजी स्वास्थ्य लाभ के उद्धेश्य से करीब पांच माह तक डलहौजी में ही रहे थे। नेताजी जिस कोठी में रहे थे उस कोठी का बाहरी हिस्सा तो शायद तस्वीरों में काफी लोगों ने देखा होगा। आज उस कमरे व उस बिस्तर को भी देख सकेंगे जिस कमरे में नेताजी रहते थे और जिस बिस्तर पर नेताजी सोया करते थे।
नेताजी डलहौजी के जिस होटल व कोठी में ठहरे थे, वह आज भी यहां मौजूद है। कायनांस कोठी में नेताजी द्वारा उपयोग किए बेड, कुर्सी, टेबल व अन्य सामान आज भी सुरक्षित रखा गया है। नेताजी जिस कोठी में ठहरे थे, वह कोठी एक निजी कोठी होने के चलते वहां आम लोगों का जाना प्रतिबंधित है।