एक अध्यापक के सहारे ठेहडू का प्राथमिक स्कूल 

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ज्वाली- अनिल छांगू

सरकारी स्कूलों में संख्या बढ़ाने को लेकर सरकार नित नए फार्मूले तैयार करती है। पर जमीन पर कुछ और ही दिखता है। ऐसे ही एक वाक्य पेश आया है, ज्वाली विधानसभा के शिक्षा खण्ड ज्वाली के अंतर्गत पड़ते राजकीय प्राथमिक पाठशाला ठेहडू में।

जहां लगभग 2 सालों से एक ही शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहा है। इससे पहले यहां दो शिक्षक थे। उनमें एक शिक्षक का पदोन्नति के बाद तबादला हो गया, लेकिन यहां आज दिन तक दोबारा इस स्कूल में अध्यापक नसीब नही हुआ । यहां एक ही अध्यापक पिछले 2 सालों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं और स्कूल के विभागीय काम भी देख रहे हैं।

एसएमसी प्रधान मुकेश कुमार ने बताया कि हमारे बच्चे यहां पढ़ते हैं तथा कई प्राइवेट स्कूलों से भी बच्चे यहां आ रहे हैं। पर माता पिता को अब डर सता रहा है कि सरकारी स्कूल में बिना शिक्षक के उनके बच्चे कैसे शिक्षा ग्रहण करेंगे।

लोगों ने कहा कि वह प्राइवेट स्कूलों की फीस भी इस कोविड के चलते भरने में असमर्थ हैं। पर शिक्षक न होने की बजह से अपने बच्चों को प्राईवेट में भेजने को मजबूर होंगे।वहीं राजकीय माध्यमिक पाठशाला ठेहडू में भी शास्त्री का पद स्कूल अपग्रेड होने के बाद आज तक भरा नही गया है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके बच्चों को भाषा सबंधी ज्ञान भी भूल गया है। अतः लोगों ने सरकार ,शिक्षा मंत्री ,शिक्षा विभाग और स्थानीय विधायक से मांग की है इन पदों को शीघ्र भरा जाए।

क्या कहती हैं शिक्षा खंड अधिकारी

शिक्षा खंड अधिकारी ज्वाली अनिता कुमारी ने बताया कि हमारे ब्लॉक में जेबीटी अध्यापकों के कई स्कूलों में रिक्त पद है। उसके बारे में हम विभाग को समय-समय पर जानकारी भेजते हैं। जव भी विभाग द्वारा टीचरों की भर्ती होगी तो यहां पर भी टीचर के पद भर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस समय ज्वाली ब्लॉक में 25 जेबीटी अध्यापकों के पद खाली है

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