आयुर्वेदिक हस्पताल सुलियाली में लाखों के उपकरण लापरवाही के कारण धूल फांक रहे

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नूरपूर, देवांश राजपूत

एक और जहां प्रदेश सरकार आयुर्वेद एवं पंचकर्म को बढ़ावा दे रही है व इसके लिए करोड़ों का बजट उपलब्ध करवा रही है ताकि सरकार द्वारा चलाई जा रही आयुर्वेदिक स्वास्थ्य योजनाओं की कारगर चिकित्सा पद्धति का लाभ आम लोगों तक पहुंच सके ।वहीं दूसरी ओर आयुर्वेदिक हस्पताल सुलियाली में लाखों के उपकरण धूल फांक रहे हैं।

इस अस्पताल में पंचकर्म चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ होने के बावजूद भी गत डेढ़ वर्ष से पंचकर्म चिकित्सा पद्धति का लाभ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पाया।गौरतलब है की पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से कमर दर्द, अनिद्रा ,तनाव, पक्षाघात जैसी कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है।यह बात समझ के बाहर है कि अस्पताल में पंचकर्म विशेषज्ञ होने के बावजूद भी इन उपकरणों को प्रयोग में क्यों नहीं लाया गया।

वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ चंद्र प्रकाश से इस सारे मामले के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि में पंचकर्म का पोस्ट ग्रेजुऐट हु ओर जहां पर पंचकर्म का सामान भी उपलव्ध है।परंतु पंचकर्म करने वाले जो मसाज करते है,स्टीम करते हैं वो नही है।इसके लिए दो मेल व दो फीमेल की जरूरत पड़ती है जोंकी इस अस्पताल में नही है।

क्योंकि मेल पंचकर्म सेक्शन अलग होता है और फीमेल सेक्शन अलग होता है।पंचकर्म में शरीर की मसाज करनी पड़ती है जोंकी कोरोना के दौरान नामुमकिन थी।मेने विभाग को दो मेल व दो फीमेल के लिए सूचित कर दिया है।जब भी पंचकर्म के लिए स्टॉफ आ जाता है उसी समय से पंचकर्म शुरू कर दिया जाएगा।

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