बिलासपुर, सुभाष चंदेल
विकास खण्ड सदर के गांव पड़ंगल में स्थानीय ग्राम पंचायत की मांग अनुसार हिमाचल सरकार के द्वारा 30 साल पहले राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोला गया था जिस स्कूल के लिए विभाग के द्वारा अपना भवन भी बनाया गया था परन्तु कुछ साल पहले उपरोक्त स्कूल भवन रास्ट्रीय सुपर हाइवे ( फोरलेन ) मार्ग के निर्माण में गांव पंडगल में सिथित भवन रोड़ निर्माण की बलि चढ़ गया.
सड़क निर्माण मैनेजमेंट के द्वारा स्कूल के भवन व स्कूल की भूमि के पैसे शिक्षा विभाग को दे दिए और गरीब परिवारों के बच्चो को शिक्षा ग्रहण करने के लिए बहुत मुश्किल होने लगी और भवन के लिए भूमि भी नही उपलब्ध हो पाए तो गांव पंडगल के मस्त राम रोशन लाल बाल कृष्ण व बिमला देवी ने अपनी मुस्तरिका भूमि से 019 बीघा जमीन राजकीय प्राथमिक पाठशाला पंडगल के लिए दान दे दी भूमि शिक्षा विभाग के नाम तब्दील कर दी.
विभाग द्वारा न जाने क्या किया स्कूल के भवन का काम बहुत देरी से लगा और उस ओर बच्चो को पढ़ने के लिए आशियाना न मिलने पर बच्चो को शिक्षा के क्षेत्र में घर से बेघर होना पड़ा. जब बच्चे पढ़ाई में भटकने लगे तो सड़क निर्मला मनेजमेंट ने श्री परमानंद जो स्थाई निवासी है उनकी भूमि पर एक टिन पोश सेड बना दिया कि अब बच्चे इस टिन पोश सेड में पढ़ेंगे और वो सेड ऐसी जगह बना जहाँ पर धूप ही नही आती. कुछ साल तक बच्चे उस सेड में पढ़ते रहे.
दुर्भाग्य से पिछली बरसात में उस टीन पोश सेड की पिछली सेड जमीन स्लाइडिंग हो गई व भारी मलबा टीन पोश सेड पर गिर गया जिससे वो सेड भी टूट गया. स्कूल प्रबंधन कमेटी के द्वारा आपात बैठक बुलाई गई और उन छोटे छोटे बच्चो की शिक्षा के लिए उनके लिए भवन पर विचार रखे किसी के घर मे प्राइमरी स्कूल चलाने को जगह न होने पर स्थिति डिस्टर्व होने लगी. विभागीय सूत्र कहने लगे कि जो बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे है वो बच्चे गांव मंडी भराड़ी स्कूल में तब्दील या फिर मंडी माणवा स्कूल में तब्दील हो सकते है. जरूरी नही की अब एक दम ही सब कुछ दे दे.
स्थानीय लोगो को जब कुछ महसूस हुआ कि इस गाँव से स्कूल ही बंद होने जा रहा है और अब ये वापिस नही आएगा. अगर चला गया तो स्कूल प्रबंधन कमेटी की सदस्य श्री मति ललिता देवी ने अपनी दरियादिली दिखाते हुए अपने घर मे स्कूल खोलने के लिए आवेदन कर दिया हालांकि ललिता देवी के घर मे कुल 3 कमरे है जिनमे 2 परिवार सेटल हुए है.
उन्होंने आपस मे परिवारिक समझौता करके एक एक कमरा खुद को ले लिया और एक कमरा जब तक स्कूल का अपना भवन नही बनता तब तक स्कूल इस कमरे में चलेगा इतना होने के उपरांत विभाग को कोई भी असर नही हो रहा है इससे ये देखने को मिल रहा है कि जो सरकारी विभागों में नोकरी करते है उनके बच्चे तो निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करते है और जो ग्रामीण स्तर पर गरीब लोग है वो अपने बच्चो को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते है.
गांव पड़ंगल के स्कूल के भवन का कार्य बहुत दिनों से बंद पड़ा है और इस संदर्भ में पूर्व ब्लॉक समिति सदस्य श्री दौलत राम ने 1100 नम्बर पर शिकायत दर्ज करवाई है इतना ही नही स्थानीय ग्राम पंचायत प्रधान श्री मति निर्मला राजपूत ने भी ग्राम पंचायत नौणी में प्रस्ताव पारित करके मांग की है कि भवन का काम जो बन्द पड़ा है.
उसे तुरंत सुरु किया जाए ग्रामीणों में समाजसेवक रमेश चंद पूर्व ब्लॉक समिति सदस्य दौलत राम मस्त राम पूर्व पंचायत सदस्य बन्ती देवी सहित दर्जनों परिवारों ने मांग की है कि इस भवन का कार्य तुरन्त लगाया जाए अन्यथा किसी वरिष्ठ अधिवक्ता की सलाह लेकर मामला उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश की शरण मे दाखिल किया जाएगा.