बद्दी-नालागढ़- सुभाष चंदेल
बद्दी-नालागढ़ फोरलेन के लिए उपमंडल प्रशासन ने कदमताल तेज कर दी है। फोरलेन का कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाने के मकसद से प्रशासन ने प्रथम चरण में इस परियोजना की जद में आने वाले 185 भवन मालिकों को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है। यह वह भवन मालिक है, जिन्हें मुआवजा मिल चुका है और इनको 28 दिन की समय सीमा के नोटिस जारी हो चुके हैं और वह समय सीमा भी खत्म हो चुकी है।
अब प्रशासन ने इन भवन मालिकों को आखिरी अल्टीमेटम जारी कर दिया है। वहीं, प्रशासन ने जलशक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड को भी आदेश जारी कर दिए हैं कि यह प्रापर्टी एनएचएआई की हो चुकी हैं और इनके बिजली व पानी कनेक्शन काट दिए जाएं। अगर भवन मालिक एक हफ्ते के अंदर खुद व खुद अपने भवनों को नहीं गिराते तो एनएचएआई व प्रशासन द्वारा इन भवनों की गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
काबिलेजिक्र है कि पिंजौर से नालागढ़ तक बनने वाले लगभग 31.195 किलोमीटर लंबे फोरलेन में हिमाचल के हिस्से बद्दी से नालागढ़ तक लगभग 17.6 किलोमीटर भूमि आती है, जबकि बाकी बचा 13 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा के क्षेत्र में आता है। पिंजौर से नालागढ़ तक बनने वाले फोरलेन में पांच फ्लाईओवर पुलों सहित कुल 22 पुलों का निर्माण होगा, जबकि 104 पुलियों के निर्माण के साथ इसमें 15 सर्विस लेन बनेगी। इस फोरलेन के निर्माण पर कुल 731 करोड़ 67 लाख रुपए का बजट खर्च होगा।
गुजरात की पटेल कंपनी इस फोरलेन का निर्माण करेगी। एनएचएआई के साइट इंजीनियर दिनेश पुनिया का कहना है कि फोरलेन परियोजना का काम दिसंबर में शुरू हो जाएगा और निर्धारित अढ़ाई वर्ष में इसके निर्माण को पूरा करने का प्रयास रहेगा। एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि प्रथम चरण में प्रशासन ने 415 भवन व अन्य स्ट्रक्चर मालिको में से 185 भवन मालिकों को एक हफ्ते के भीतर भवन खाली करने के अल्टीमेटम जारी कर दिए है। अगर यह भवन मालिक खुद नहीं गिराते तो प्रशासन व एनएचएआई द्वारा भवनों को गिरा दिया जाएगा। (एचडीएम)
फोरलेन की जद में आएंगे 28 हेक्टेयर भूमि-415 भवन
इस परियोजना की जद में हिमाचल हिस्से की 17.6 किलोमीटर भूमि आ रही है, जबकि 13 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा क्षेत्र का आ रहा है। पिंजौर-नालागढ़ फोरलेन में 54.9 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण हुआ है, जिसमें करीब 28 हेक्टेयर हिमाचल व 26 हेक्टेयर जमीन हरियाणा की शामिल है। बद्दी से नालागढ़ तक फोरलेन निर्माण में 415 भवन आने हैं, जिन्हें स्ट्रक्चर का पैसा जारी किय हैं। इसके अलावा 2910 पेड़ भी परियोजना की भेंट चढ़ेंगे।