मंडी में सामने आई कांग्रेस की फूट, आश्रय बोले कौल के कारण सुखराम नहीं बन पाए थे मुख्यमंत्री

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मंडी- नरेश कुमार

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पोते आश्रय शर्मा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इससे चुनावी बेला पर कांग्रेस की फुट खुलकर सामने आ गई है। आश्रय शर्मा पिछले लोकसभा चुनाव में के प्रत्याशी थे। कांग्रेस समिति के प्रदेश महासचिव आश्रय ने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री बहुत पहले ही मंडी से होता अगर कौल सिंह ने विपरीत भूमिका न निभाई होती। बकौल आश्रय, कौल सिंह के कारण सुखराम नहीं बन पाए थे मुख्यमंत्री।

आश्रय ने कहा कि मंडी जिला को मुख्यमंत्री के रूप में जो मान-सम्मान मिला है वो वर्षों पहले मिल जाना था यदि वरिष्ठ कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर ने पंडित सुखराम का साथ दिया होता और जिला की पीठ न लगवाई होती। आज कौल सिंह ठाकुर जी कह रहे हैं 2019 के लोकसभा चुनावों में मैं कमजोर प्रत्याशी था और सदर से भी खुद को बढ़त नहीं दिला पाया था। सब लोग जानते हैं कि 2019 के चुनावों में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बड़े-बड़े धुरंधरों को हार का सामना करना पड़ा है। कौल सिंह ठाकुर जी ये बताएं कि उन्होंने अपने गृहक्षेत्र द्रंग से कांग्रेस को कितनी बढ़त दिलाई थी।

आज कांग्रेस पार्टी ने नया नियम बनाया है कि जो चुनावों में कामयाब नहीं हो रहा है वहां पर दूसरे को मौका दिया जा रहा है। यदि यह नियम मुझपर लागू होता है तो फिर आने वाले विधानसभा चुनावों में कौल सिंह ठाकुर और उनकी बेटी चंपा ठाकुर पर भी लागू होना चाहिए। क्योंकि कौल सिंह ठाकुर 8 हजार तो उनकी बेटी 10 हजार मतों से हारी है।

पार्टी को अब उम्र का तकाजा देखते हुए कौल सिंह ठाकुर को आराम करने का और द्रंग से किसी युवा नेता को आगे आने का मौका देना चाहिए। जैसी बातें कौल सिंह ठाकुर जी कर रहे हैं वो संगठन के लिए उचित नहीं है। कौल सिंह जी कह रहे हैं कि मैंने राहुल गांधी के पैरों में पड़कर टिकट मांगा था जबकि हमें दोबारा पार्टी में शामिल करने का फैसला खुद राहुल गांधी जी का था और राहुल गांधी के फैसले पर सवाल उठाने का मतलब है कि खुद राहुल गांधी पर सवाल उठाना।

मैंने जिंदगी में कभी राजनीतिक लालसा से किसी के पैर नहीं छुए लेकिन आदर भाव देने के लिए सभी के पैर जरूर छूता हूं। राहुल गांधी जी ने पंडित सुखराम जी को कहा था कि उनका हमारे साथ राजनीतिक नहीं बल्कि पारिवारिक रिश्ता है और हमारे लिए यही बड़ी बात है। सोनिया और राहुल गांधी जी के खिलाफ जो जी 23 ग्रुप बना है उसमें कौल सिंह ठाकुर भी शामिल हैं।

प्रदेश से वे इकलौते नेता हैं जिन्होंने उसपर हस्ताक्षर किए हैं। कौल सिंह ठाकुर हमें दोबारा भाजपा में न जाने की नसीहत दे रहे हैं जबकि हमारी ऐसी कोई मंशा है ही नहीं। हम कांग्रेस में हैं और वे ऐसे बयान देकर पार्टी को तोड़ने का काम कर रहे हैं।

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