चम्बा – भूषण गुरुंग
गत वर्ष लवली प्रोफैशनल युनिवर्सिटी जालांधर में दिव्यांगजनों के लिये आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बाट पंचायत के त्रिलोक ने दो स्वर्ण पदक जीत कर चम्बा का नाम रोशन किया था। डिस्कस थ्रो व क्लब थ्रो में त्रिलोक ने 15 प्रदेशों के प्रतिभागियों के साथ प्रतियोगिता में शामिल होकर दो स्वर्ण पदक हासिल किये थे।
वहीं करियां वार्ड के जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु ने त्रिलोक के घर जाकर उनसे व परिवार से मुलाकात की। सर्वप्रथम उन्हे बधाई दी थी व हार, टॉपी, शाल व समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया था। त्रिलोक ने बताया कि एक दुर्घटना में उसके शरीर का निचला हिस्सा काम करना बंद हो गया है और सात-आठ सालों से वो बिस्तर पर ही हैं।
खेल में काफी रूचि हैं परंतु अन्य प्रदेशों के मुकाबले हिमाचल में ऐसी कोई योजना नहीं जिससे किसी प्रकार की कोई मदद मिल सके, हालांकि सामजिक सुरक्षा पैंशन योजना व सहारा योजना का लाभ मिल रहा है जिससे परिवार चलाने में थोड़ा सहारा मिल जाता है।
उनके परिवार में उनकी पत्नी व दो बच्चे भी है बड़ी मुश्किल से परिवार का पालन पोषण होता है। मुलाकात के दौरान उन्होने मांग कि थी बीपीएल सूचि में नाम शामिल होना चाहिये तथा एक इलैक्ट्रिक व्हील चेयर की इच्छा जाहिर की ताकि ज्यादा नहीं तो पंचायत घर तक तो चक्कर लगा आयें।
वहीं जिला परिषद मनोज मनु ने बताया कि हमारे लिये गर्व की बात है कि सात-आठ सालों से चल फिर न सकने के कारण भी त्रिलोक का हौंसला कायम है और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में वो दो स्वर्ण पदक जीत कर आये हैं । यह अन्य लोगों के लिये भी प्रेरणास्त्रोत बने हैं।
त्रिलोक ने जो इच्छा जाहिर की थी बीपीएल के लिये तो वो ग्राम सभा,पंचायत प्रधान एवं पंचायत सचिव के सहयोग से इनका नाम बीपीएल सूचि में शामिल करवा दि गया था साथ में जो इलैक्ट्रिक व्हील चेयर की मांग की थी तो वो अपने जिला परिषद हैड से राशि स्वीकृत कर आज उनके निवास स्थान जाकर उन्हे सौंप दी है। इसमें करीबन 70 हजार रु० की राशि खर्च हुई है।
वहीं त्रिलोक ने भी इसके लिये जिला परिषद सदस्य मनोज कुमार मनु का धन्यवाद किया। साथ में उन्होने बताया कि हमने इसे चलाकर भी चैक किया है अच्छी क्लाविटि की है और कपैस्टी भी अच्छी है जो चढाई पर भी नहीं रुकती है। हिमाचल प्रदेश सरकार से भी मांग है कि जो इस तरह के युवक खेल के प्रति रूचि रखते हैं हौंसला कायम है और जीना चाहते हैं उनका सहयोग हेतु जरूर अन्य प्रदेशों की तर्ज पर कोई विशेष योजना चलायें।