कुल्लू – अजय सूर्या
कुल्लू में दिव्यांगजनों के लिए समावेशी कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्राचार्य डॉ. शेफाली ने समावेश कार्यक्रम को एक सराहनीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की सहायता करना हम सभी का कर्तव्य है। इस दौरान उन्होंने साम्फ़िया फाउंडेशन के सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया और आश बाल विकास द्वारा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए दी जाने वाली सेवाओं की सराहना की।
कार्यशाला में साम्फ़िया के सहायक निदेशक एवं कार्यक्रम प्रबंधक बीजू ने बताया कि संस्थान एडी हाइड्रो पावर लिमिटेड, मनाली द्वारा प्रायोजित है और जिला कुल्लू में दिव्यांग बच्चों के लिए फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी एवं स्पेशल एजुकेशन जैसी सेवाएँ प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन दिव्यांगता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए जिले के शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और त्योहारों में विशेष अभियान चला रहा है।
इस अवसर पर साम्फ़िया फाउंडेशन की निदेशक डॉ. श्रुति मोरे भारद्वाज ने विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं और उनकी आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने उपस्थित लोगों को थेरेपी सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी और दिव्यांग बच्चों की शिक्षा व विकास में इनकी महत्ता पर जोर दिया।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में आश बाल विकास केंद्र की धनेश्वरी ठाकुर ने प्रतिभागियों को दिव्यांगता का अनुभव कराने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियाँ कराईं। इस आयोजन का उद्देश्य दिव्यांगजनों की चुनौतियों को समझना और उनके लिए समाज में समावेशी वातावरण तैयार करना था।
इस कार्यशाला में विशेष रूप से उपस्थित रहे
डॉ. रोमेश चंद (एसोसिएट प्रोफेसर), डॉ. दिनेश (प्रमुख, कम्युनिटी डेवलपमेंट एंड एंगेजमेंट सेल), प्रो. सुरिंदर, डॉ. साक्षी, प्रो. प्रियंका, प्रो. कृष्णा, प्रो. इंदु, प्रो. ज्योति, डॉ. दूनी चंद और प्रो. शिवम।