फ्लैट से 1 करोड़ 2 लाख हुआ बरामद
करनाल – हिमखबर डेस्क
एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 5 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में आयुष्मान स्कीम का डिप्टी CEO को गिरफ्तार किया है। दरअसल, ACB करनाल टीम ने कल यह कारर्वाई की थी। काबू किए गए आरोपी डॉ. रवि विमल को आज न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
इस मामले में छानबीन के दौरान आरोपी डॉक्टर के पंचकूला के अमरावती स्थित फ्लैट से एक करोड़ 2 लाख रुपए की नकदी बरामद की गई है। ACB की इस मामले में जांच जारी है। इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ACB करनाल की टीम ने आरोपी डॉ. रवि विमल को कल गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर देर शाम आरोपी के घर की तलाशी ली गई।
इस दौरान आरोपी के घर से एक करोड़ 2 लाख रुपए की राशि बरामद की गई है। इस मामले में आरोपी डॉक्टर से पूछताछ की जा रही है कि उसके पास यह राशि कहां से आई और इस मामले में और कितने लोग शामिल हैं? ACB की टीम इस मामले में अलग-2 एंगल से जांच कर रही है।
डॉ. रवि विमल जिला पंचकूला में आयुष्मान भारत योजना के डिप्टी CEO के पद पर कार्यरत था। ACB की टीम को करनाल के एक निजी अस्पताल के संचालक से शिकायत प्राप्त हुई कि आरोपी डॉ. रवि विमल आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध उसके अस्पताल का सस्पेंशन रद्द करने के बदले में 10 लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा है।
इसमें से 5 लाख रुपए देने की बात तय हुई। इस पर कार्रवाई करते हुए ACB करनाल की टीम ने आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सभी तथ्यों का विश्लेषण करते हुए इसकी जांच की जा रही है।
करनाल में एक क्लीनिक और अस्पताल चलाने वाले किडनी स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप चौधरी ने बताया है कि उन्हें अपने अस्पताल का सस्पेंशन रद्द करवाना था। आयुष्मान योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड न होने के कारण अस्पताल को सस्पेंड किया गया था। इसके लिए उन्होंने फोन कर जानकारी ली। इसके बाद वह कार्यालय जाकर डिप्टी CEO से मिले।
डॉ. संदीप के अनुसार, कार्यालय में बातचीत के दौरान उनसे 10 लाख रुपए की डिमांड की गई। जब उन्होंने रुपए देने से मना किया तो उन्हें धमकी दी गई कि उनके अस्पताल को हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इसके बाद डॉ. संदीप ने 10 लाख रुपए देने में असमर्थता दिखाई तो बाद में 5 लाख रुपए पर बात फाइनल हो गई। इसके बाद डॉ. संदीप वहां से चले गए और उन्होंने रिश्वत मांगने की शिकायत ACB से की। ACB ने मामले में संज्ञान लेते हुए जाल बिछाया।
ACB टीम ने डॉ. संदीप को पाउडर लगे 5 लाख रुपए के नोट लेकर डिप्टी CEO रवि विमल के कार्यालय में जाने के लिए कहा। डॉ. संदीप ने वैसा ही किया। जब वह नोट लेकर रवि विमल के पास पहुंचे तो रवि ने उन्हें ऑफिस बाहर मिलने के लिए कहा। तब डॉ. संदीप सेक्टर 8-9 की रेड लाइट पर अपनी गाड़ी लेकर पहुंचे।
वहीं पर आरोपी रवि विमल पहुंचे और डॉ. संदीप की गाड़ी में बैठकर उनसे रिश्वत के रुपए लिए। इसी दौरान मौके पर ACB की टीम भी पहुंच गई, जो पहले से ही संदीप का पीछा कर रही थी। टीम ने फौरन रवि विमल को गिरफ्तार कर लिया और हाथ में पकड़े रिश्वत के रुपए उनसे लेकर जब्त कर लिए। उन्हें पकड़कर थाने लाया गया और पूछताछ शुरू की गई।