हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश में 3 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है। छह विधानसभा उपचुनावों से निपटी प्रदेश सरकार और कांग्रेस संगठन का अब पूरा फोकस नालागढ़, देहरा और हमीरपुर पर आ गया है। हालांकि पहले क्यास लगाए जा रहे थे कि यहां पर उपचुनाव अक्तुबर महीने में होंगे, मगर निर्वाचन आयोग के एकाएक ऐलान से पहाड़ी राज्य में हलचल बढ़ गई है।
घोषणा से थोड़ी ही देर बाद प्रत्याशियों को लेकर चर्चा भी शुरू हो चुकी है। जाहिर सी बात है इस सीट पर उपचुनाव की नौबत तब आई जब साल 2022 में आजाद चुने गए के एल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा ने इस्तीफा देकर बीजेपी को ज्वाइन कर लिया था। हालांकि उनके इस्तीफे स्पीकर ने 3 जून को ही स्वीकार किए जिसके बाद अब यहां उपचुनाव होने जा रहे हैं। 10 जुलाई को तीनों सीटों पर वोटिंग होगी।
अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या बीजेपी बाकी 6 सीटों की तरह इन सीटों पर भी 3 निर्दलीयों को टिकट देगी। खासतौर पर तब जब बीजेपी ने पिछले उपचुनाव में 6 में से 4 सीटों पर हार का सामना किया है। हालांकि निर्दलीय तीन के पक्ष में जो सबसे बड़ा फैक्टर है वो यही हैं कि ये तीनों ही सीटों पर बीजेपी को इस बार भी काफी ज्यादा लीड मिली है।
खैर अब बाकी समीकरणों पर भी नजर डाल लेते हैं और जानते हैं कि कांग्रेस बीजेपी के संभावित चेहरें कौन हैं। इन सीट पर अब कांग्रेस और बीजेपी की स्थिती की बात करें तो कांग्रेस ने साल 2022 मे इस सीट पर बीजेपी से बेहतर परफोर्म किया था और कांग्रेस प्रत्य़ाशी हरदीप बावा यहां दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े लखविंदर राणा को तीसरा स्थान मिला था।
हालांकि उस वक्त लखविंदर राणा सिटिंग विधायक थे और दल बदलकर वो भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे, जबकि टिकट ना मिलने पर केएल ठाकुर जो बीजेपी से थे वो आजाद हो गए थे। हालांकि अब केएल भी बीजेपी में है और राणा भी, मगर केएल की वापसी से राणा खुश नहीं हैं। ऐसे में अब ये क्यास भी लगाए जा रहे हैं कि उनकी भी घर वापसी हो सकती है।
अगर बीजेपी केएल को ही टिकट देती है तो हो सकता है कि लखविंदर राणा कांग्रेस मे वापसी का मन बनाएं, मगर फिर भी यहां कांग्रेस से हरदीप बाबा को ही मजबूत प्रत्य़ाशी माना जा रहा है। बीते दिनों नालागढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान हरदीप बावा की मुख्यमंत्री सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश ने खूब तारीफ की थी।
ऐसे में संभावित है कि हरदीप बावा पर कांग्रेस दोबारा से विधानसभा उपचुनाव में दांव खेल सकती है। इस बार लोकसभा चुनाव के परिणाम में नालागढ़ ने वर्ष 2019 के मुकाबले भाजपा की लीड को कम किया है। इस बार नालागढ़ से भाजपा को 15,164 मतों की लीड मिली है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की बढ़त 39970 मतों की थी मजदूर संगठन इंटक से कांग्रेस की राजनीति में प्रवेश करने वाले हरदीप बावा की नालागढ़ में बीते कई वर्षों से सक्रियता बढ़ी है।
वहीं, बात देहरा की करें तो इसके बारे में यही कहा जाता है कि देहरा कोई नहीं तेरा। इस सीट पर भी बीजेपी 2022 में अच्छा परफोर्म नहीं कर पाई थी। होशियार निर्दलीय चुनाव जीते थे और कांग्रेस से डॉ राजेश शर्मा ने दूसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई थी।
डॉ राजेश इस वक्त कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी हैं और देहरा जहां कांग्रेस का वोट बैंक लगभग खत्म हो गया था वहां डॉ राजेश ने बेहतर परफोर्म 2022 में किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस यहां पर डॉ राजेश को ही मैदान में दोबारा उतारेगी। साथ ही देहरा में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 26,665 की लीड मिली थी। इस बार यह लीड 15,317 की है।
मुख्यमंत्री सुक्खू का देहरा में ससुराल भी है। यहां से पार्टी डॉ. राजेश पर दांव खेलेगी या किसी नए चेहरे को चुनाव मैदान में उतारेगी, इसको लेकर कयास लगना शुरू भी हो गए हैं। ऐसे में बीजेपी में असमंजस जरूर बन सकती है। एक ओर होशियार सिंह हैं तो दूसरी ओर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमेश ध्वाला। जाहिर है कि बीजेपी 4 सीटों में मिली हार के बाद यहां फूंक फूंक के कदम उठाएगी
वहीं बात हमीरपुर की करें तो यहां पर भी उपचुनाव हैं। हमीरपुर सदर क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के दौरान साल 2022 में अंतिम क्षणों में डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। पहले आशीष को टिकट देने की कवायद थी। उस वक्त डॉ. पुष्पेंद्र ने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में एंट्री की थी, मगर विधानसभा चुनाव में डॉ. पुष्पेंद्र करीब 13 हजार मतों से हारे थे।
मगर चुनाव हारने के बाद से डॉ. पुष्पेंद्र लगातार राजनीति में सक्रिय रहे हैं। यही नहीं इस सीट पर भी कांग्रेस की लोकसभा में लीड 2019 के मुकबले बढ़ी है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हमीरपुर से भाजपा को 24,268 मतों की लीड मिली थी जो इस बार घटकर 16,029 पहुंच गई है।
विधानसभा अब इस साल हमीरपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस किस प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारेगी, इस पर सभी की नजरें टिक गई हैं। हालांकि सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी है कि कांग्रेस कुछ सीटों पर नए युवा चेहरों पर भी दांव खेल सकती है, जबकि बीजेपी में प्रत्याशी के चुनाव को लेकर अब 4 सीटों में हार के बाद स्थिती बदलती नजर आ रही है।