व्यूरो, रिपोर्ट
हरियाणा की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कमला वर्मा ब्लैक फंगस से जिंदगी की जंग हार गईं। मंगलवार की शाम करीब 7.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। यमुनानगर के सचदेवा अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। बता दें कि साल 1992 में बतौर स्वास्थ्य मंत्री उन्होंने सचदेवा अस्पताल का उद्घाटन किया था, आज इसी अस्पताल में अंतिम सांस ली। पूर्व मंत्री कमला वर्मा कुछ समय पहले कोरोना की चपेट में आ गई थीं।
कोरोना को हराने के बाद उनके शरीर और चेहरे पर सूजन आ गई थी। वह 21 मई से शहर के सचदेवा अस्पताल में भर्ती थीं और ठीक से बोल भी नहीं पा रही थीं। इस दौरान परिजनों ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए इंजेक्शन नहीं मिलने का भी आरोप लगाया था, जिसके बाद सरकार हरकत में आई और भाजपा संगठन ने 30 इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिए थे। वहीं केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से भी 22 इंजेक्शन मिले थे। विदित हो कि यमुनानगर में ब्लैक फंगस से यह पहली मौत है।
अभी जिले में 14 सक्रिय मामले हैं। 21 मई को किया गया था भर्ती पूर्व स्वास्थ्य मंत्री का इलाज करने वाले डॉ. ईश कालड़ा ने बताया कि सचदेवा अस्पताल में 21 मई को उन्हें भर्ती किया गया था। कोरोना के बाद उन्हें ब्लैक फंगस हो गया था। उन्हें रोजाना चार इंजेक्शन लगते थे। अब तक करीब 30 डोज दी जा चुकी थी लेकिन उनका राइट साइड का लंग्स पूरी तरह से डैमेज हो गया था। वहीं लेफ्ट साइड का भी 80 फीसदी तक खराब हो चुका था। शाम को करीब साढ़े सात बजे उन्हें हार्ट अटैक भी आया, इसके बाद उनकी मौत हो गई।
सीएमओ डॉ. विजय दहिया ने बताया कि वे पोस्ट कोविड मरीज थीं और उनके लंग्स खराब थे। उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई।