हजारों नम आंखों ने दी आध्यात्मिक गुरु सुग्रीवानंद महाराज को अंतिम विदाई, पंचतत्व में विलीन हुआ पवित्र शरीर।
ऊना – अमित शर्मा
उत्तर भारत के प्रसिद्ध डेरा बाबा रुद्रानंद नारी ऊना के अधिष्ठाता परम पूज्य श्री श्री 1008 वेदान्ताचार्य स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज रविवार सुबह ब्रह्मलीन हुए। जबकि सोमवार को हजारों नम आंखों के बीच महाराज को अंतिम विदाई दी गई।
महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर से जिला ऊना समेत पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। हमेशा के लिए समाधि में लीन हो गए श्री श्री 1008 सुग्रीवानंद जी महाराज का जन्म वर्ष 1928 को जिले के गूगलैहड क्षेत्र में हुआ।
उनका असली नाम करमचंद था, लेकिन अध्यात्म के क्षेत्र में आने के बाद उनके गुरु स्वामी आत्मानंद जी महाराज ने उन्हें नया नाम सुग्रीवानंद दिया था।
वर्ष 1952 में सुग्रीवानंद महाराज डेरा बाबा रुद्रानंद की अधिष्ठाता बनाए गए। तब से महाराज ने सनातन का प्रचार-प्रसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आश्रम के विकास में दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की की बुलंदियों तक पहुंचा है।
महाराज जी की देख-रेख में ही संस्कृत महाविद्यालय आश्रम में बना तथा करोड़ों रुपए खर्च करके श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भवनों का निर्माण करवाया।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने आश्रम में ही प्राप्त की उसके उपरांत बनारस में जाकर चारों वेद और उपनिषदों का अध्ययन किया।
परम संत की विभूति से अलंकृत स्वामी सुग्रीव आनंद महाराज के देहावसान का शोक समस्त प्रदेश में मनाया गया। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस महान विभूति के ब्रह्मलीन होने पर राजकीय शोक की घोषणा की।
दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने भी उनके सम्मान में सोमवार को स्थानीय अवकाश घोषित किया। इतना ही नहीं व्यापार क्षेत्र के तमाम संगठनों ने भी सोमवार को व्यापार जगत से अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने का आह्वान किया जिसे अधिकतर कारोबारी ने अक्षरष: निभाया भी।
ये रहे शामिल
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती, चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन सिंह बबलू, कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार, पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर, पूर्व विधायक राजेश ठाकुर सहित प्रदेश की कई बड़ी राजनीतिक हस्तियों ने भी स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज को अंतिम विदाई दी।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के बोल
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ने ऊना जिले के डेरा बाबा रुद्रानंद के प्रमुख गुरु श्री श्री 1008 सुग्रीवानंद जी महाराज के ब्रह्मलीन होने अत्यंत दुख पहुंचा है।
महाराज जी ने जीवनपर्यंत धर्म, सेवा और सद्भाव के प्रकाश को फैलाने का कार्य किया। उन्होंने समाज को आपसी भाईचारे और सौहार्द की मजबूत डोर में बांधने का संदेश दिया।
परम पूज्य श्रीश्री 1008 वेदांत आचार्य स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज का देहावसान आध्यात्मिक जगत के साथ सम्पूर्ण विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। महाराज जी ने जीवन भर सनातन धर्म, वेदांत और मानव सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता वीरेंद्र कंवर के बोल
इस मौके पर पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता वीरेंद्र कंवर ने कहा कि स्वामी सुग्रीवानंद महाराज के ब्रह्मलीन होने से सनातन जगत में गहरा आघात लगा है।
उन्होंने कहा कि महाराज ने जीवन पर्यंत सनातन की पताका को फहराया और समाज को आध्यात्मिक की दिशा में मोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
केवल मात्र अपने जिला में ही नहीं बल्कि भारत के विभिन्न प्रांतों यहां तक की विदेश में भी महाराज ने सत्य सनातन को प्रचारित और प्रसारित किया।