नशे की तस्करी की जानकारी साझा करने और परामर्श/पुनर्वास सेवाओं के लिए 24×7 उपलब्ध है राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन
हिमखबर डेस्क
नशामुक्त भारत-2047 के संकल्प को साकार करने की दिशा में राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन मानस-1933 शुरू की गई है। केंद्र सरकार की इस हेल्पलाइन के माध्यम से आमजन नशे की तस्करी से संबंधित जानकारी साझा कर सकते हैं और साथ ही नशे की लत से जूझ रहे लोगों को पुनर्वास एवं परामर्श से जुड़ी सेवाओं का मार्गदर्शन भी प्राप्त कर सकते हैं। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है, जिससे लोग निडर होकर इस मंच से जुड़ सकें।
विभागीय प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मानस-1933 को देशभर में स्थापित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स से जोड़ा गया है। इसका लाभ यह है कि प्राप्त सूचना पर त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। यह प्लेटफार्म चौबीस घंटे और सप्ताह के सातों दिन सक्रिय रहता है।
हेल्पलाइन न केवल नशे की तस्करी रोकने का सशक्त माध्यम है, बल्कि नशे की गिरफ्त में फंसे व्यक्तियों और उनके परिजनों के लिए भी सहारा है। इस नंबर पर कॉल करने से विशेषज्ञ परामर्शदाता नशा मुक्ति और पुनर्वास से संबंधित मार्गदर्शन उपलब्ध करवाते हैं। इससे पीड़ित परिवारों को सही दिशा मिलती है और नशे के शिकार व्यक्ति मुख्यधारा की ओर लौटने में सक्षम होते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि मानस पोर्टल पर भी जन-जागरूकता से संबंधित विविध स्रोत सामग्री उपलब्ध है, जिनमें पोस्टर, वीडियो, ब्रोशर और अन्य डिजिटल सामग्री शामिल है। आमजन इन्हें देखकर, डाउनलोड कर और साझा कर नशामुक्त भारत अभियान को बल प्रदान कर सकते हैं। इस सामग्री को https://www.ncbmanas.gov.in/awareness पर लॉगइन करके प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित सभी जन-संपर्क, जन-जागरूकता और सामुदायिक गतिविधियों में मानस हेल्पलाइन नंबर 1933 को व्यापक रूप से प्रचारित करने का आह्वान किया गया है। अधिक से अधिक लोग इस मंच से जुड़कर समाज को नशे की बुराई से मुक्त कराने में सहयोग दें, ताकि 2047 तक नशामुक्त भारत का संकल्प साकार हो सके।