शिमला – जसपाल ठाकुर
पंजाब के पर्यटकों के वाहनों से पुलिस द्वारा झंडे उतरवाने के मामले को लेकर विवाद सुलझने के बजाय उलझता हुआ नजर आ रहा है। मामले को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा संत ज्ञानी जरनैल सिंह भिंडरावाले को लेकर दिए गए बयान पर अब बवाल शुरू हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर ने इस बयान पर ऐतराज जताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक नोटिस जारी किया है।
नोटिस में कमेटी ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान ने सिख युवाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। ऐसे में मुख्यमंत्री अपने बयान को वापस लें ताकि आने वाले दिनों में राज्यों और सभी लोगों के बीच कोई विवाद न खड़ा हो और भाईचारा भी बना रहे।
नोटिस में कमेटी ने लिखा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां कई तरह के धर्म बसते हैं। देश विदेश में सीख समुदाय के लोग संत ज्ञानी जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को अपना नेता और अपना आदर्श मानते हैं।
श्री अकाल तख्त साहिब ने उन्हें कम्यूनिटी वॉरियर की उपाधि तक दी है। ऐसे में हिमाचल के मुख्यमंत्री का बयान और पुलिस द्वारा गाड़ियों पर झंडे हटाना सही नहीं है। हर साल पंजाब से हजारों लाखों श्रद्धालु हिमाचल आते हैं।
ऐसे में पुलिस द्वारा झंडे हटाकर और सिख युवाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना दर्शाता है कि पुलिस खुद कानून हाथ में ले रही है। लोकतांत्रिक देश में कोई भी व्यक्ति अपने आदर्श की फोटो ले जा सकता है। इसलिए संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह के बयान या निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री अपने बयान को जल्द वापिस ले।