शिमला – नितिश पठानियां
राजधानी शिमला के भट्टाकुफर में पांच मंजिला भवन गिरने के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। जहां पहले एनएचएआई के अधिकारी अचल जिंदल की शिकायत पर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, वहीं अब स्थानीय लोगों की शिकायत पर एनएचएआई के अधिकारी अचल जिंदल और इंजीनियर योगेश के खिलाफ भी दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।
स्थानीय लोगों ने लगाए दुर्व्यवहार और रास्ता रोकने के आरोप
ढली थाना पुलिस को मिली पहली शिकायत में भट्टाकुफर के आठ निवासियों अनिल कुमार, हेत राम ठाकुर, सुरेंद्र चौहान, केआर मेहता, अनिल वर्मा, सोहन ठाकुर, राजेश ठाकुर और अशोक राजटा ने आरोप लगाया है कि 29 जून को एनएचएआई के अधिकारी अचल जिंदल और इंजीनियर योगेश ने उनका रास्ता रोका और गाली-गलौज की।
इनका कहना है कि एनएचएआई द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों की लापरवाही से उनका घर खतरे में आ गया है और कॉलोनी में एक मकान पहले ही गिर चुका है।
दूसरी शिकायत में भी दोहराए गए वही आरोप
एक अन्य शिकायत निहाल ठाकुर की ओर से दर्ज करवाई गई है, जिसमें जिंदल और योगेश पर रास्ता रोकने और अभद्र भाषा के प्रयोग के आरोप दोहराए गए हैं।
फोरलेन निर्माण में लापरवाही के आरोप, कई घरों को नुकसान
तीसरी एफआईआर में बृज लाल, निशांत, चंदा देवी, रीना रपटा, चेतन चौहान, प्रदीप, अशोक राजटा और संजीव ने आरोप लगाया है कि एनएचएआई के फोरलेन निर्माण कार्य के दौरान बरती गई लापरवाही से रंजना वर्मा सहित कई लोगों के मकानों को भारी नुकसान हुआ है।
शिकायत में कहा गया है कि कटाव का कार्य बार-बार कहने के बावजूद नहीं रोका गया, जिससे लोग मजबूर होकर घर खाली करने को विवश हुए, लेकिन उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था तक नहीं की गई।
अब दोनों पक्षों पर एफआईआर, जांच में जुटी पुलिस
गौरतलब है कि 1 जुलाई को पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ अचल जिंदल ने मारपीट और दुर्व्यवहार का मामला दर्ज करवाया था। अब उसी मामले में स्थानीय निवासियों ने एनएचएआई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ऐसे में मामला और जटिल होता जा रहा है। पुलिस ने सभी शिकायतों को संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है और दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।