ठियोग के विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जिस तरह से नशे की चपेट में युवा आ रहे हैं। वे क्या आने वाले समय में सेना में जाने की स्थिति में होंगे।
हिमखबर डेस्क
किसानों से दूध खरीदने की कांग्रेस की गारंटी को लेकर भाजपा विधायकों ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन दूध के बर्तन लेकर प्रदर्शन किया। नकद और गूगल पे के माध्यम से विधानसभा के बाहर दूध खरीदा गया। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पूर्व गाय का दूध 80 रुपये, भैंस का दूध 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदने की गारंटी दी थी।
वहीं पशुपालन एवं कृषि विभाग के मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार चुनावी गारंटियों को पूरा करेगी। दूध खरीद को लेकर दुग्ध कमेटियां गठित की जा रही हैं। नाबार्ड के सहयोग से कांगड़ा के ढगवार में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है।
11 बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्ष ने प्रश्नकाल को शुरू करने से पहले व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि जब सत्र चल रहा था तो मंत्रिमंडल की बैठक की गई। सत्र के दौरान कैबिनेट की बैठक होती है। मगर ऐसा नहीं होता है कि विधानसभा की बैठक के बीच ही कैबिनेट की बैठक शुरू कर दी जाए। यह सदन की अवमानना है। इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने कहा कि बीते दिन मुख्यमंत्री एक कार्यक्रम में गए हुए थे तो उन्होंने जवाब देने के लिए उपमुख्यमंत्री को अधिकृत किया था। यहां पर नेता प्रतिपक्ष तो बैठे ही नहीं थे। यह कहना गलत है कि किसी को अधिकृत नहीं किया गया था।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष उस वक्त सदन में नहीं थे। सदन की बैठक को आगे बढ़ा दिया गया। इनके वक्त में भी इस तरह की बैठकें हो चुकी हैं। यहां पर जवाब देने के लिए सभी मंत्री थे। केवल अखबार की सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं। विपक्ष को हिमाचल की जनता के मुद्दे उठाकर चर्चा में भाग लेना चाहिए।
स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि बैठक को सदन की अनुमति से ही आगे बढ़ाया गया। सदन ही सर्वोच्च है।मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भी नहीं। सदन के सभी सदस्यों की सहमति से बैठक आगे बढ़ाई गई। पिछले कल कुछ कमी देखी गई। हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से उपमुख्यमंत्री को जवाब के लिए अधिकृत किया गया था। अब प्रश्नकाल को शुरू किया जाता है।
इसके बाद करीब 11 बजकर 12 मिनट पर प्रश्नकाल को शुरू किया गया है। चौपाल के विधायक बलवीर सिंह वर्मा के प्रश्न से इसकी शुरुआत हुई। ठियोग के विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि 23 अक्तूबर को एनआईटी हमीरपुर में एमटेक के छात्र की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। बहुत सी घटनाएं रिपोर्ट नहीं हो रही हैं। मैं 30 अक्तूबर को संस्थान में गया। निदेशक को यह मालूम नहीं था कि होस्टल में क्या हो रहा है।
अब दूरदराज के इलाकों तक नशे का कारोबार हो रहा है। नशा या तो पाकिस्तान सीमा से आ रहा है। दिल्ली से भी आ रहा है। दिल्ली में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री हैं। फिर भी यह वहां से आ रहा है। केंद्र सरकार की भी इस पर अंकुश लगाने में मदद होनी चाहिए। अफ्रीका मूल से नशा आ रहा है।
पाकिस्तान से आ रहा हो तो उस पर अंकुश लगा रहे हैं। यह अघोषित युद्ध है। हमारे युवाओं का सेना में बहुत योगदान है। जिस तरह से नशे की चपेट में युवा आ रहे हैं। वे क्या आने वाले समय में सेना में जाने की स्थिति में होंगे। यह एक साजिश भी हो सकती है कि हिमाचल के युवाओं को खोखला कर दो। जो विदेशों से युवा यहां आते हैं। उन पर सख्ती होनी चाहिए। छोटे-छोटे लोगों को पकड़ा जा रहा है। बड़ी मछलियों को पकड़ा जाना चाहिए। अलग से टास्क फोर्स बननी चाहिए।
गैर सरकारी सदस्य दिवस पर पांवटा के भाजपा विधायक सुखराम चौधरी और ठियोग के कांग्रेस विधायक ने कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार, प्रदेश की सीमाओं में इनकी रोकथाम और कानून को सुदृढ़ करने के लिए नीति बनाने का संकल्प प्रस्ताव प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सदन में नहीं होने की स्थिति में इस पर उप मुख्यंमत्री मुकेश अग्निहोत्री जवाब देंगे।
पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी ने कहा कि इससे परिवार बर्बाद हो रहे हैं। शैक्षणिक संस्थानों के निकट ढाबों, परचून की दुकानों आदि पर विशेष नजर रखे जाने की जरूरत है। पुलिस विभाग के कर्मचारी भी इसमें शामिल होते हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
जिला सिरमौर के दर्जनों नौजवान नशामुक्ति केंद्र में इलाज करवा रहे हैं। कई बार मात्रा कम होने पर जमानत हो जाती है। कोई भी व्यक्ति इस कारोबार में संलिप्त हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। बहुत से लोग रातोंरात अमीर बनने के चक्कर में नशे के कारोबार में फंस रहे हैं। नौजवानों की ज़िंदगी खराब न हो, इस पर अंकुश लगाए जाने की जरूरत है।
ऊना के भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि कई बार नेता भी नशे को प्रश्रय देते हैं। जिनके पास कोई काम न हो, ऐसे युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। सीमाई क्षेत्रों से नशा आ रहा है। जिनको गुस्सा आता हो, ऐसे अधिकारी होने चाहिए। जिसे गुस्सा न आता हो, वे किसी काम के नहीं है। सीमाई क्षेत्रों पर अच्छे अधिकारी नियुक्त होने चाहिए।
नशे के तस्करों को जेल में डाला जाना चाहिए। सरकार कम से कम रोटियां तो खिला ही सकती हैं। जेल में चिट्टा तो नहीं लेंगे। देश की युवा पीढ़ी नशे में पड़ गई तो तबाही हो जाएगी। आज पंजाब के लोग या तो विदेश में हैं या नशे में फंस गए हैं।

