मोक्षधाम की राशि डकारने वाला पंचायत प्रधान बर्खास्त, 5.30 लाख की रिकवरी के आदेश।
सिरमौर – नरेश कुमार राधे
शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विकास खंड कमरऊ के कठवाड़ पंचायत के प्रधान महेन्द्र सिंह को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और धन-दुरुपयोग का दोषी पाए जाने पर पद से बर्खास्त कर दिया गया है।
उपायुक्त सिरमौर एलआर वर्मा ने प्रधान को हटाने के आदेश जारी करते हुए उन्हें अगले 6 वर्षों तक किसी भी पंचायत पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।
यह कार्रवाई जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (DRDA) सिरमौर द्वारा प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई। प्रारंभिक जांच में पंचायत निधि में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आए, जिसके बाद मामले की विस्तृत जांच के लिए उप-मंडलाधिकारी (ना.) कफोटा को अधिकृत किया गया।
एसडीएम कफोटा की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि महेन्द्र सिंह ने पंचायत निधि से ₹5,30,566 की अनियमित अदायगी की। जांच में यह भी सामने आया कि 15वें वित्त आयोग के तहत फुट ब्रिज गडोली खड्ड परियोजना में मस्टरोल अदायगी में गड़बड़ी हुई। इसके अलावा, निर्माण सामग्री खरीदी गई, लेकिन मजदूरी का रिकॉर्ड नहीं मिला।
मनरेगा के तहत श्मशान घाट (मोक्षधाम) के निर्माण में भी अनियमिताएं पाई गई। प्रधान ने मोक्षधाम के निर्माण का दावा श्रमदान के तहत किया, लेकिन इसके भी कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं थे।
साथ ही, प्रधान ने अपने भतीजे राहुल को अनुचित रूप से भुगतान किया और पंचायत निधि से अनिता देवी को ₹4,125 का अनियमित भुगतान किया।
प्रधान महेन्द्र सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका उत्तर असंतोषजनक पाया गया। इसके बाद उपायुक्त सिरमौर ने उन्हें पद से हटाने का आदेश दिया और पंचायत निधि में ₹5,30,566 की राशि जमा करने को कहा।
खंड विकास अधिकारी, कमरऊ को निर्देश दिया गया है कि 45 दिनों के भीतर यह राशि वसूल की जाए। यदि वसूली नहीं होती है, तो तहसीलदार के माध्यम से इसे भू-राजस्व बकाया के रूप में वसूल किया जाएगा।