सिरमौर – नरेश कुमार राधे
राजगढ़ की आखिरी सांस्कृतिक संध्या में उमड़ी कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ ने प्रशासन और मेला कमेटी के पसीने छुड़ा दिए। पंडाल में लगी कुर्सियों पर पहले से ही लोग बैठे थे सिर्फ मंत्री व उनके साथ आए कुछ लोगों के लिए जगह खाली रखी गई थी। कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता बैठने के लिए एसडीएम का मुंह ताकते रहे और इधर-उधर कुर्सियां ढूंढते देखे गए, कुछ किसी के साथ डबल एडजेस्ट हो गए।
हुआ यूं कि मेले में भाजपा सांसद सुरेश कश्यप और स्थानीय विधायक ने दिन में प्रेस वार्ता करके प्रशासन पर मेले के राजनीतिकरण और मेले में आमंत्रित न करने के आरोप लगाए। जिस पर प्रशासन को झुकना पड़ा और कांग्रेस के बड़े आकाओं से अनुमति लेकर सांसद सुरेश कश्यप और रीना कश्यप को बुलाना पड़ा।
इन्होने आरोप लगाया कि मेले में बाहर के विधायकों और हारे हुए नेताओं को मेले में आंमत्रित किया जा रहा है जबकि स्थानीय विधायक को जानबूझकर इग्नोर किया गया। रीना कश्यप ने कहा कि यह कांग्रेस का मेला नहीं क्षेत्र के लोगों का मेला है।
एसडीएम पर ऐसा कौन सा दबाव आ गया कि उन्होंने चुने हुए प्रतिनिधियों को भी बुलाने से गुरेज कर दिया। दूसरी ओर मंच पर माइक स्टैंड की कोई व्यवस्था नहीं थी। जिस कारण उद्योग मंत्री को स्वयं हाथ में माईक पकड़कर अपना भाषण देना पड़ा। इसके अतिरिक्त लोग बेसुरे कलाकारों से बहुत आहत थे।
लोगों का कहना है कि इस बार प्रशासन द्वारा कलाकारों के चयन के लिए ऑडिशन नहीं रखी गई थी जिसके चलते राजनैतिक पहूंच वाले कलाकरों को रखना प्रशासन की मजबूरी बन गई थी। कुछ अच्छे कलाकारों को छोड़कर अधिकांश बेसुरे कलाकारों ने मेले में आई जनता को बोर किया।