कुल्लू, आदित्य
कुछ लोग इस दुनिया को छोड़ने से पहले दूसरे लोगों के लिए ऐसा काम कर जाते हैं कि वे मरने वाले शख्स को ताउम्र नहीं भूल पाते। ऐसा ही कुछ गाजियाबाद की रहने वाले विनीता चौधरी ने किया है। विनीता अपने बिजनेस पार्टनर को बचाकर खुद मौत के मुंह में चली गई।
बादल फटने के बाद ब्रह्मगंगा नाले (मणिकर्ण, कुल्लू) में सैलाब आ गया। सैलाब ब्रह्मगंगा में चल रहे कसोल हाइड रिजॉर्ट नामक कैंपिंग साइट की तरफ बढ़ा। अचानक पानी बढ़ता देख विनीता बिजनेस पार्टनर अर्जुन फारसवाल को बचाने के लिए दौड़ी। इसमें वह कामयाब भी हो गई।
हालांकि, पानी के सैलाब में अर्जुन घायल हो गया, लेकिन अर्जुन को बचाते-बचाते पानी विनीता को बहाकर ले गया। विनीता चौधरी (25) पुत्री विनोद डागर, गांव निस्तौली, नियर टिला मोड़, लोनी रोड, गाजियाबाद यहां बतौर प्रबंधक का काम देख रही थीं। बुधवार को उन्हें दिल्ली जाना था।
इसके बाद यहां दूसरे लोगों की शिफ्ट लगनी थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। विनीता का बिजनेस पार्टनर हादसे में घायल हुआ है। उसे कुल्लू अस्पताल लाया गया है। बताया जा रहा है कि वह अभी बयान देने की हालत में नहीं है। विनीता ने पर्यटन व्यवसाय में कोर्स किया था। वह पर्यटन से संबंधित कार्य बेहतर तरीके से कर रही थी। इस संबंध में विनीता चौधरी के मामा सुभाष सिद्धू ने कहा कि हादसे के बाद परिजन गहरे सदमे में हैं।
ब्रह्मगंगा नाले में मां-बेटा भी बह गए हैं। वीरेंद्र पुत्र तीर्थ राम, निवासी शांगणा, मणिकर्ण लापता है। वीरेंद्र ब्रह्मगंगा पावर प्रोजेक्ट का कर्मचारी है। इनकी तलाश की जा रही है।