हिमखबर डेस्क
सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के विभिन्न भागों में अंग्रेजों के जमाने के विश्राम गृहों के साथ-साथ सभी 250 विश्राम गृहों व परिधि गृहों की हालत सुधारी जाएगी। हर विश्राम गृह और परिधि गृह के कमरों को वीआईपी कमरों जैसी सुविधाएं तैयार की जाएगी।
1800 कमरों को वीआईपी सुविधाओं के तहत किया जाएगा तैयार
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि देखने में आया है कि विश्राम गृहों में एक कमरा ही साफ सुथरा होता है, जहां पर कोई व्यक्ति ठहर सकता है। लेकिन अब लोक निर्माण विभाग के सभी विश्राम और परिधि गृहों के 1800 कमरों को वीआईपी सुविधाओं के तहत तैयार किया जा सकेगा। इसके लिए एक सोसायटी का गठन किया जा रहा है, जिसकी औपचारिकताएं राज्य पंजीयक विभाग में पूरी की जा रही हैं।
निकट भविष्य में सोसायटी के माध्यम से विश्राम गृहों और परिधि गृहों का संचालन किया जाएगा। ऐसा करने से कमरों की दशा में सुधार आएगा और यहां पर ठहरने वाले लोगों को पसंद का भोजन भी प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश के विभिन्न भागों में 84 विश्राम गृहों की बुकिंग को ऑनलाइन कर दिया गया है।
प्रदेश में कई स्थानों पर ब्रिटिशकालीन विश्राम गृह भी मौजूद
विश्राम गृहों में ठहरने वाले किसी भी व्यक्ति को दैनिक 500 रुपये शुल्क चुकाना होगा। इसके अतिरिक्त परिधि गृह में रहने के लिए दैनिक 600 रुपये का शुल्क रहेगा। इसके अलावा भोजन का शुल्क अलग से देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई स्थानों पर ब्रिटिशकालीन विश्राम गृह भी हैं, जिन्हें बेहतर सुविधायुक्त बनाया जाएगा।

