बिलासपुर, सुभाष चंदेल
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री एवं विधायक रामलाल ठाकुर ने नलवाड़ी मेले में एक पुलिस कर्मी के चिट्टे के साथ पकड़े जाने पर हैरानी प्रकट की है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को इस विषय पर पत्र भी लिखा था, जो चर्चा का विषय रहा था और इस विषय पर कांग्रेस के केंद्रीय सर्वोच्च नेतृत्व से भी उन्होंने चर्चा की थी। उन्होंने कहा है कि तीन दिन पूर्व विधानसभा के उपरांत उन्होंने खुद नशे के काले कारोबार को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी बात की थी। उन्होंने कहा कि हैरानी तब होती है जब नशे के कारोबार में पुलिस प्रशासन और सत्ता के गलियारों के लोग इसमें शामिल पाए जाते हैं।
रामलाल ठाकुर ने कहा कि ऐसे में जो पुलिस कर्मी ईमानदारी से अपनी सेवाएं सरकार को समर्पित करते हैं उनकी कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ जाती है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उनको नशे के कारोबार बारे इनपुट मिलती रही है तो उससे साफ दिखता है कि बिलासपुर के एसपी कार्यालय में भी कुछ पुलिस कर्मी कथित तौर पर इस धंधे में संलिप्त पाए गए हैं और उन कर्मियों के परिजनों और रिश्तेदारों की कथित संलिप्तता नशे के कारोबार में साफ दिखाई देती है और वह बड़ी-बड़ी लग्जरी गाड़ियों से इस धंधे को अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर बिलासपुर पुलिस का साइबर सैल भी कथित तौर पर संदेह के घेरे में आ रहा है जोकि हमारी पुलिस व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है।
बिलासपुर के एसपी कार्यालय में तैनात कुछेक कर्मियों के तार कथित तौर पर घुमारवीं के नशा स्मगलरों और कुछ वर्ष पूर्व कुल्लू से चोरी की गई प्राचीन मूर्तियों से भी सीधे तौर पर जुड़े दिखाई दे रहे हैं और ऐसे में बिलासपुर की तमाम पुलिस को इससे बदनामी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री, गृह सचिव और डीजीपी से अनुरोध किया है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझें और जब भी जिला के एसपी के साथ बैठक हो तो नशे के खिलाफ विशेष एजैंडा लेकर आएं और जो पुलिस कर्मी इस नशे के धंधे में संलिप्त पाए जाते हैं उनको तुरंत बर्खास्त करें तथा जो पुलिस कर्मी नशे के खिलाफ गिरोह को पकड़ते हैं उनको विशेष तौर पर सम्मानित करें।