रैत, नितिश पठानियां
द्रोणाचार्य शिक्षण स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने ऑनलाइन माध्यम से कोविड 19 में फेफड़ों से संबंद्धित जटिलताओं अन्वेषण बोध पर अथिति संभाषण करवाया गया। इसमें डॉ ओंकार जीत सिंह मारवाह ह्रदय रोग विशेषज्ञ सयुंक्त राज्य अमेरिका ने बतौर मुख्य वक्ता के रूप से शिरकत की । कार्यक्रम की शुरुआत बीएड की छात्रा मारवीन ने सरस्वती वंदना से की। साथ की वहीं डॉ सपना वंसल ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई। वहीं महाविद्यालय के कार्यकारिणी निदेशक डॉ बीएस पठानिया ने मुख्यतिथि का स्वागत किया।
अपने संभाषण में मुख्य वक्ता ने कहा कि एक जन्मजात हृदय दोष ( सीएचडी ), जिसे जन्मजात हृदय विसंगति या जन्मजात हृदय रोग भी कहा जाता है, जन्म के समय मौजूद हृदय की संरचना में एक समस्या है । लक्षण और लक्षण विशिष्ट प्रकार की समस्या पर निर्भर करते हैं। लक्षण किसी से भी जीवन में खतरनाक नहीं हो सकते हैं। वर्तमान में जब वे तेजी से सांस लेने, नीली त्वचा, खराब वजन बढ़ाने, और थके हुए महसूस कर सकते हैं। यह छाती का दर्द नहीं होता है। अधिकांश जन्मजात दिल की समस्याएं अन्य बीमारियों से नहीं होती हैं।
हृदय दोषों के परिणामस्वरूप जटिलताओं में दिल की विफलता शामिल है । इस सत्र मे पूरे देश के लोग जुड़े हुए थे वहीं द्रोणाचार्य शिक्षण महाविद्यालय का स्टाफ और बच्चों और उनके अभिभावकों ने भी कोविड 19 से सम्बंधित ह्रदय पर पड़ने बाले प्रभावों को डॉ मारवाह से पूछा और उंन्होने हर व्यक्ति की जिज्ञासाओं को बड़ी सहजता से समझाया वहीं लोगों में फैली भ्रांतियों को भी दूर किया ।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ प्रवीण शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर महाविद्यालय प्रबंधक निदेशक कार्यक्रम के चीफ पैटर्न जीएस पठानिया, कार्यकारी निदेशक एवमं कार्यक्रम के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ बीएस पठानिया ,प्राचार्य डॉ बीएस बाघ , शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ प्रवीण कुमार शर्मा, एचओडी सुमित शर्मा , सहित महाविद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा ।