जिला एवं सत्र न्यायधीश चंबा की अदालत ने सुनाया फैसला
चम्बा – भूषण गुरुंग
जिला एवं सत्र न्यायधीश चंबा जसवंत सिंह की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में नामजद पिता को दोषी करार देते हुए भादंसं की धारा 376 की उपधारा तीन और छह पोस्को अधिनियम के तहत उम्र कैद और बीस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।
अदालत ने आरोपी को भादंसं की धारा 506 के तहत भी दोषी करार देते हुए एक वर्ष के साधारण कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा दी है। जुर्माना न देने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी जिला न्यायवादी संजीव सिंह राणा ने की।
पीडि़ता ने पुलिस में दर्ज ब्यान में कहा था कि 27 दिसंबर 2019 को पीडि़ता के माता और भाई- बहन जंगल में पशु चराने गए हुए थे। इस दौरान वह घर में अकेली मौजूद थी। इसी दौरान पिता ने घर में आकर उसके कमरे का दरवाजा बंद कर दुष्कर्म किया।
पीडि़ता का कहना था कि आरोपी ने घटना का जिक्र करने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर आरोपी पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर मामले से जुड़ी कागजी औपचारिकताएं निपटाने के बाद चालान आगामी कार्रवाई हेतु अदालत में दायर कर दिया।
अभियोजन ने 22 गवाह पेश करके आरोपी लगे दुष्कर्म के आरोप को साबित किया। दलीलें सुनने के बाद आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा और कुल 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।