स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
सिविल सप्लाई कारपोरेशन को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने नॉन कंट्रोल आइटम्स को डिपुओं में बेचने का निर्णय लिया है। ऐसे में घाटे में चल रहे निगम को काफी लाभ मिलेगा, जबकि लोगों को भी कम दाम में महंगी आइटम मिल जाएगी। इससे लोगों को भी लाभ होगा और कारपोरेशन की भी आय में वृद्धि होगी। कारपोरेशन की बीओडी की बैठक में इन मामले को लेकर चर्चा होगी, जिसके बाद यहां पर फाइनल किया जाएगा कि कौन सी आइटम बेची जाएगी। बीओडी की बैठक में यह भी फाइनल किया जाएगा कि इन आइटम का क्या रेट रखा जाए, क्योंकि बाजार के भाव से भी इन आइटम का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद इन मूल्यों को तय किया जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार के पास लगातार लोगों की शिकायतें आती रहती हैं कि बाजार में कुछ आइटम के रेट ज्यादा हैं। ऐसे में सरकार को इन पर कंट्रोल रखना चाहिए, लेकिन कुछ समय बाद हालात वैसे ही हो जाते हैं। ऐसे में सरकार अब यह चाह रही है कि ऐसी आइटम को डिपुओं में बेचा जाए, ताकि लोगों को भी दिक्कत न हो और कारपोरेशन की भी आय बढ़े। सभी डिपुओं में इन नॉन कंट्रोल आइटम को कारपोरेशन बेचेगा।
डिपो में मिल सकते हैं आलू; प्याज, मसाले
सरकार डिपुओं में आलू, प्याज समेत ऐसे मसालें बेच सकती है, जिनमें किसी का कंट्रोल नहीं है। क्योंकि बाजार से भाव के हिसाब से इनके दाम बढ़ते और बिगड़ते रहते हैं। ऐसे में कभी इनके दाम आसमान छू लेते हैं, जबकि कई बार जमीन पर आ जाते हैं। ऐसे में मुमकिम है कि इन नॉन कंट्रोल आइटम को भी डिपुओं में बेचा जा सकता है।