मंडी, नरेश कुमार
मंडी जिला की चौहारघाटी में बड़े पैमाने पर पोस्त की अवैध खेती का भंडाफोड़ हुआ है। चौहारघाटी में 66 बीघा से अधिक मलकीयत और सरकारी भूमि में यह नशे की खेती की गई थी।
मामले दर्ज न हों, इससे बचने के लिए नशे की अवैध खेती के कारोबारी अब सरकारी भूमि में पोस्त की बिजाई कर रहे हैं। पद्धर पुलिस ने चौहारघाटी की तरस्वाण पंचायत में बड़े पैमाने पर हुई अवैध खेती की भनक लगते ही घाटी की चढ़ाई की। लगभग 17 घंटे तक चले इस सर्च अभियान में 66 बीघा से अधिक निजी और सरकारी रकबे में 15लाख पोस्त के पौधे बरामद किए।
पुलिस ने राजस्व विभाग की टीम और पंचायत प्रधान के साथ इस ऑपरेशन में राजस्व अभिलेख खंगालने बाद चार लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 18 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच एसडीपीओ पधर लोकेंद्र नेगी कर रहे हैं। बरामद की गई पोस्त की खेती को नष्ट करने के लिए चार टीमें यहां भेजी गई हैं।
बताया जाता है अफगानिस्तान तक चौहार घाटी के अफीम की मांग है। कोरोना काल का फायदा उठा कर यह खेती की गई थी। लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई और गुप्त तरीके से दबिश देकर यह कार्रवाई की है।
एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि चौहारघाटी में पोस्त की अवैध खेती का अब तक का यह सबसे बड़ा मामला है। नशे के खात्मे को लेकर जिला पुलिस का यह अभियान जारी है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्सा नही जाएगा।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि कहीं भी इस तरह की अवैध खेती की गई है। इसकी जानकारी मोबाइल नंबर 9317221001 पर साझा करें। पुलिस द्वारा जारी नशाखोरी के खिलाफ लड़ाई में मदद करें। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उनकी सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी होगी।
करीब 20 साल पहले चौहार घाटी के लोगों ने आलू, राजमाह की खेती बंद कर पोस्त की खेती शुरू की थी। 2000 में घाटी में हजारों बीघा भूमि में पोस्त की खेती मिली थी। एनसीबी व प्रदेश पुलिस ने कार्रवाई कर खेती नष्ट की थी।
सरकार की सख्ती के बाद यहां काफी हद तक रोक लगी थी। लेकिन अब एक बार फिर से बड़े स्तर पर खेती का खुलासा होने से पुलिस व प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।

