शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग ने उपमंडल रोहड़ू की तहसील चिड़गांव के गांव लिम्ब्डा में 12 वर्षीय बालक की मौत के मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पुलिस विभाग को तीन दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय आयोग की बैठक में लिया गया।
शिमला स्थित विल्लिज पार्क में बुधवार को विभिन्न अनुसूचित जाति संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित हुई।इस पुरे मामले में आरोपी महिला को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिली है। शुरुआत में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था।
आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने कहा कि पुलिस द्वारा प्रथम चरण में ही मामला एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज न होने के कारण आरोपी को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई, जो अत्यंत गंभीर और चिंतनीय है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी तथा पीड़ित परिवार को विधिक प्रावधानों के अनुरूप मुआवजा राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। अध्यक्ष ने कहा कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं और 21वीं सदी में इस तरह की घटनाएं अत्यंत शर्मनाक हैं।
आयोग ने पुलिस विभाग को अन्य संलिप्त व्यक्तियों की गहन जांच करने तथा पीड़ित परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए। अध्यक्ष ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वयं इस मामले पर संज्ञान ले चुके हैं और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने हेतु ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
इमेल आईडी के जरिये करें शिकायत
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति आयोग प्रदेशभर में ऐसे मामलों की सतत निगरानी कर रहा है और कोई भी व्यक्ति सीधे आयोग के ईमेल hpstatecommisionforsc@gmail.com पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। अध्यक्ष ने यह भी उल्लेख किया कि मामले में बाहरी तत्वों के शामिल होने की आशंका भी की जा रही है इस स्थिति में उनके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। आयोग के सदस्य विजय डोगरा एवं सदस्य दिग्विजय मल्होत्रा ने भी कहा कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
महिला के खिलाफ केस दर्ज
बैठक में डीआईजी (कानून एवं व्यवस्था) रंजना चौहान ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है तथा डीएसपी रोहड़ू जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला को नामजद किया गया है और अन्य आरोपियों की पहचान जांच के आधार पर की जा रही है। उन्होंने आयोग और समाज को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया।
क्या है मामला
शिमला पुलिस थाना रोहड़ू के तहत उपतहसील जांगला के लिंबड़ा की यह घटना है। 12 साल के बच्चे की मां ने आरोप लगाया था कि गांव की तीन महिलाओं ने उसके बेटे को पीटकर गौशाला में बंद कर दिया था। इससे आहत होकर बच्चे ने जहर खा लिया था। आरोप है कि दलित बच्चे आरोपी महिला के घर को छूआ था और इस पर पिटाई की गई।
20 सितंबर को इस केस में मामला दर्ज किया गया था। गांव की महिला पुष्पा देवी के घर को छुने के आरोप लगे थे। पुलिस को दी शिकायत में बताया गया कि 16 सितंबर को शाम बच्चा को पिते ने देखा तो वह बहोश था। रोहड़ू में इलाज के बाद बच्चे को आईजीएमसी शिमला ले जाया गया था, फिर 17 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी।