खुशखबरी! हिमाचल के बिलासपुर में अब रोबोट करेगा आंखों का इलाज, IGMC शिमला के बाद घुमारवीं में शुरू हुई यह सुविधा

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घुमारवीं में अत्याधुनिक रोबोटिक आई मशीन की शुरुआत, हिमाचल प्रदेश की दूसरी रोबोटिक आई मशीन, इससे पहले आईजीएमसी शिमला में हुई थी इसकी शुरुआत

बिलासपुर – सुभाष चंदेल

जिला बिलासपुर के उपमंडल घुमारवीं के तहत सिविल अस्पताल घुमारवीं में अत्याधुनिक रोबोटिक आई मशीन की शुरुआत हो गई है। इस मशीन को लगाने की लागत 13 लाख रुपये है। मशीन का शुभारंभ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने की।

यह मशीन घुमारवीं क्षेत्र के निवासियों के लिए नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। यह प्रदेश की दूसरी रोबोटिक आई मशीन है, जो आईजीएमसी शिमला के बाद अब घुमारवीं अस्पताल में उपलब्ध हुई है।

आंखों की बीमारियों को दूर करेगा रोबोटिक आई मशीन

राजेश धर्माणी ने कहा की घुमारवीं अस्पताल में रोबोटिक आई मशीन की उपलब्धता से क्षेत्र के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र चिकित्सा सेवाएं यहीं पर मिलेंगी, जिससे उन्हें बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। यह मशीन आंखों की बीमारियों का जल्दी और सटीक निदान करने में सक्षम है।

घुमारवीं अस्पताल पर करीब एक लाख लोग निर्भर हैं। यहां रोजाना 450 से 600 मरीजों की ओपीडी होती है, जिनमें से लगभग 100 मरीज आंखों की समस्याओं से संबंधित होते हैं। इस नई सुविधा से अस्पताल क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।

मरीजों के लिए वरदान साबित होगी रोबोटिक आई मशीन

घुमारवीं अस्पताल के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. महेश जसवाल ने कहा रोबोटिक आई मशीन की सुविधा मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। इससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

इस अवसर पर कई अन्य गणमान्य व्यक्ति, डॉक्टर, और अस्पताल प्रबंधन के सदस्य उपस्थित रहे। यह मशीन घुमारवीं और आस-पास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

मंत्री राजेश धर्माणी ने जनसमस्याएं सुनी

इसके बाद मंत्री ने जनसमस्याएं सुनी। कार्यक्रम में उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और अधिकतर समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया। शेष समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।

धर्माणी ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि विकास योजनाओं और नीतियों का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि सड़यार पंचायत में पिछले दो वर्षों के दौरान लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

इस राशि का उपयोग सड़क निर्माण, जल आपूर्ति व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, एम्बुलेंस रोड निर्माण और वर्षाशालिक जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंचायत में चल रहे विकास कार्यों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए।

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