कुल्लू एक्सीडेंट: अहंकार अफसरों के टकराए, जख्मी हिमाचल हुआ

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पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव सिंह व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सुरक्षा अधिकारी बृजेश सूद के बीच थप्पड़ व लात विवाद के पीछे काफिले में वाहनों की उचित व्यवस्था न होना मुख्य कारण रहा है। हिमाचल पुलिस के उच्च अधिकारियों में समन्वय और संवाद की कमी साफ देखने को मिली।

 

कुल्लू, आदित्य 

 

पुलिस अधीक्षक कुल्लू गौरव सिंह व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सुरक्षा अधिकारी बृजेश सूद के बीच थप्पड़ व लात विवाद के पीछे काफिले में वाहनों की उचित व्यवस्था न होना मुख्य कारण रहा है।

 

केंद्रीय मंत्री के दौरे पर हिमाचल पुलिस के उच्च अधिकारियों में समन्वय और संवाद की कमी साफ देखने को मिली। सवाल यह भी है कि क्या यह कुछ पलों की बात थी या पुलिस के भीतर भी कई पुलिस का पुराना टकराव था? यह ताकत का प्रदर्शन था या ओहदे के रुआब की झलक दिखाना था? जो हो, कई पक्ष प्रश्नांकित हुए हैं। झगड़ा बच्चों में हो तो घर के बड़ों के आत्मचिंतन का अवसर मिलता है।

 

हुआ यूं कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काफिले में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गाड़ी को 10वां व उनके सुरक्षा स्टाफ के वाहन को 15वां स्थान दिया गया था। कहा जा रहा है कि इससे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सुरक्षा में चूक हो रही थी। दूसरे, मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री को ठीक से कवर भी नहीं कर पा रहे थे।

 

इसी बात को लेकर बृजेश सूद ने गौरव सिंह से काफिले में की गई वाहनों की व्यवस्था को लेकर भुंतर एयरपोर्ट के बाहर आपत्ति जताई थी। इस पर दोनों में गहमागहमी हो गई। तैश में आकर गौरव सिंह ने बृजेश सूद को थप्पड़ मार दिया। अपने अधिकारी को थप्पड़ पडऩे का पता चलने से सुरक्षाकर्मी भी भड़क गए।

 

थोड़ी दूरी पर मुख्यमंत्री का काफिला रुका तो गौरव सिंह को घेर लिया और लात चला दी। इस मामले से जुड़ा एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो यही चर्चा चलती रही कि गलती मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों की है, मगर सीसीटीवी फुटेज का पहला हिस्सा भी सामने आया तो गौरव सिंह की गलती भी पकड़ी गई।

 

 

वीवीआइपी व वीआइपी मूवमेंट काफिले की व्यवस्था करने का जिम्मा संबंधित जिले के प्रशासन व पुलिस का रहता है। वीवीआइपी को सुरक्षा प्रदान करना उनके सुरक्षाकर्मियों का काम है। कानून व्यवस्था की स्थिति देखना जिला पुलिस का काम है। दोनों पहलुओं को लेकर खामी साफ तौर पर देखने को मिली।

 

विवाद की दूसरी जड़ फोरलेन संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी हैं। उनकी तरफ से प्रशासन को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और कुल्लू पुलिस ने भुंतर एयरपोर्ट के बाहर उनकी उपस्थिति को हल्के में लिया।

 

वहीं, गौरव सिंह जब बद्दी के पुलिस अधीक्षक थे तो तब भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के दौरे के दौरान चूक हुई थी। उस दौरान भी मुख्यमंत्री के काफिले को तय रूट से न लेकर अन्य रूट से ले जाया गया था। उस मार्ग पर गड्ढे थे और ट्रकों के खड़े होने के मुख्यमंत्री जाम में फंस गए थे। तब भी गौरव सिंह पर तबादले की गाज गिरी थी।

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