भलाड़, शिवू ठाकुर
उपमंडल ज्वाली के अधीन भलाड़ के अंतर्गतआने बाले गांव में 20 वर्षीय युवती ने स्वास्थ्य विभाग के करोना टेस्ट रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं l उन्होंने कहा कि उन्हें कॉलेज में दिखाने के लिए कोरोना रिपोर्ट चाहिए थी ,तो वह सिविल अस्पताल ज्वाली गई और वहां टेस्ट करवाया वहां उनकी आरएटी रिपोर्ट नेगिटिव आई इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट लेकर घर को निकलने वाली थी कि कर्मचारी ने उन्हें फिर से बुलाया और कहा गया कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है।
युवती ने दोनों रिपोर्ट लेकर घर आ गई ,जिसमें एक में नेगेटिव और दूसरे में पॉजिटिव रिपोर्ट है। जबकि डॉक्टर ने उन्हें 14 दिन के लिए होम आइसोलेट कर दिया है ,परिवार के सदस्यों ने कहा कि हम स्वास्थ्य विभाग के साथ देंगे पर पढ़ने बाले बच्चे पर मनोवैज्ञानिक दृष्टि से जो प्रभाव पड़ता है उसका क्या ?उंन्होने कहा कि उनका अब आरटीपीसीआर टेस्ट कर स्थिति स्पष्ट की जाए l क्योंकि आरएटी की एक रिपोर्ट पॉजिटिव और एक नेगिटिव समझ से परे है l
वहीं सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ अमन दुआ का कहना है कि आरएटी टेस्ट ज्यादा विश्वसनीय नही होता है और कई बार किट खराब होने से भी ऐसा हो जाता है उंन्होने कहा कि परिवार आरटीपीसीआर टेस्ट करवा ले ।