हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश में रोमांचक एडवेंचर खेल एक बार फिर हादसे का कारण बनते-बनते बच गया। इंद्रूनाग से उड़ान भर रहे एक पैराग्लाइडर के साथ ऐसा खौफनाक वाकया पेश आया, जिसने स्थानीय लोगों से लेकर प्रशासन तक सभी को दहशत में डाल दिया।
उड़ान के दौरान पायलट और महिला पर्यटक को ले जा रहा पैराग्लाइडर अचानक संतुलन खो बैठा और लैंडिंग से ठीक पहले दाड़नू इलाके में हाईटेंशन बिजली की तारों में जा फंसा।
अचानक हुए इस हादसे ने सभी का दिल दहला दिया। तेज हवा और ऊंचाई के बीच पैराग्लाइडर तारों के बीच उलझ गया और दोनों करीब 40 से 50 फीट की ऊंचाई पर हवा में झूलते रह गए।
गनीमत यह रही कि पैराग्लाइडर तारों से टकराने के बाद भी फटा नहीं और न ही नीचे गिरा, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। तुरंत इस घटना की सूचना स्थानीय लोगों ने 112 पर दी, जिसके बाद पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और अग्निशमन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं।
स्थिति बेहद जोखिमभरी थी क्योंकि लगातार बिजली के खंभों के पास हवा का दबाव और तारों का कंपन बचाव कार्य को चुनौतीपूर्ण बना रहा था।
करीब दो से ढाई घंटे तक पायलट और महिला पर्यटक मौत के साए में लटके रहे। बचाव दलों ने स्थिति का बारीकी से अध्ययन करने के बाद एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया।
विशेषज्ञों ने बिजली लाइन को अस्थायी रूप से सुरक्षित करते हुए विशेष रस्सियों और उपकरणों की मदद से दोनों को धीरे-धीरे नीचे उतारा।
कड़ी मशक्कत और समझदारी भरे प्रयासों के बाद दोनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए धर्मशाला के जोनल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को स्थिर बताया है।
स्थानीय प्रशासन ने पैराग्लाइडिंग गतिविधि में सुरक्षा मानकों की समीक्षा के आदेश दिए हैं। यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि एडवेंचर स्पोर्ट्स में थोड़ी सी चूक भी जानलेवा साबित हो सकती है।

