दस अक्तूबर को सुहागनें रखेंगी पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत
हिमखबर डेस्क
पति की लंबी आयु के लिए रखे जाने वाला करवाचौथ का व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। करवाचौथ के दिन चंद्रमा रात 8:47 बजे उदय होगा। शाहपुर के ज्योतिषी आचार्य अमित कुमार शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी इस साल नौ अक्तूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्तूबर की शाम 7:38 बजे तक रहेगी।
करवाचौथ 2025 का व्रत दस अक्तूबर यानी शुक्रवार को रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि मान्यताओं के अनुसार करवाचौथ का व्रत सबसे पहले देवी पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। इस व्रत के प्रभाव से उन्हें अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद मिला। तभी से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह उपवास करती आ रही हैं।
देवताओं की करें पूजा
करवाचौथ का व्रत मुख्य रूप से माता करवा और भगवान गणेश को समर्पित होता है। इसके अलावा इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय देव और चंद्र देव की भी पूजा की जाती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन करवा माता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:16 बजे से लेकर शाम 6:29 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान पूजा करने से व्रत का फल अधिक फलदायी माना जाता है और पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता बढ़ती है।
व्रत की पूजा विधि
सबसे पहले महिलाएं सूर्योदय से पहले स्नान करें और नए वस्त्र पहनकर श्रृंगार करें। मायके से आई सरगी का सेवन सूर्योदय से पहले करें। इसके बाद गणेश जी और माता करवा की पूजा कर व्रत का संकल्प लें। शाम के समय शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वत, गणेश जी, कार्तिकेय और माता करवा की पूजा करें। पूजा थाली में रोली, अक्षत, मिठाई और जल से भरा करवा रखें। पूजा के दौरान करवाचौथ की कथा सुनें या पढ़ें। रात में चंद्रमा निकलने पर महिलाएं छलनी से चंद्रमा के दर्शन करें।