मंडी की पुदीना-अनारदाना चटनी गर्मियों में लोकप्रिय है, यह चटनी दाल-चावल के साथ स्वादिष्ट और सेहतमंद होती है, पुदीना औषधीय गुणों से भरपूर और ताजगी देने वाला होता है।
हिमखबर डेस्क
हिमाचल की गर्मियों में जब तापमान धीरे-धीरे चढ़ने लगता है, तो मंडी जिले के घरों में एक खास स्वाद दोबारा जीवित हो उठता है—पुदीना और अनारदाना से बनी पारंपरिक चटनी। यह सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही एक स्मृति है, जो हर गर्मी में दाल-चावल के साथ थाली की शोभा बढ़ाती है।
मंडी के बुजुर्ग बताते हैं कि पहले जब न पंखा था, न फ्रिज, तब शरीर को ठंडक देने के लिए प्राकृतिक तरीकों का ही सहारा लिया जाता था। ऐसे में पुदीने और अनारदाने से बनी यह चटनी न केवल स्वाद में तीखी होती थी, बल्कि गर्मी से राहत देने वाली भी मानी जाती थी। इसे खाने से न सिर्फ भूख खुलती थी, बल्कि पेट भी ठंडा रहता था। यही वजह है कि आज भी मंडी के अधिकांश घरों में यह चटनी गर्मियों की दस्तक के साथ बननी शुरू हो जाती है।
स्थानीय निवासी अजय सूर्या बताते हैं कि पहले पुदीना घर के आंगन में ही उगता था, लेकिन अब यह बाजार की वस्तु बन चुका है। ग्रामीण लोग इसे उगाकर मंडी लाते हैं और यहां से लोग ताजा पुदीना खरीदकर चटनी तैयार करते हैं। यह चटनी, दाल-चावल के साथ जब खाई जाती है, तो गर्मियों की थकान भी जैसे उतर जाती है।
पुदीना एक औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है। गर्मियों में इसकी देखभाल भी जरूरी हो जाती है। दिन में दो बार पानी देना, सीधी धूप से बचाना और समय पर कटाई करना इसके लिए लाभकारी होता है। ध्यान रखा जाए तो यह पौधा पूरे मौसम हरा-भरा बना रहता है और आपकी थाली में ताजगी घोलता रहता है।
आज जब हम सुपरफूड और डिटॉक्स ड्रिंक्स की बातें करते हैं, तो मंडी की यह चटनी हमें याद दिलाती है कि असली स्वास्थ्यवर्धक चीजें तो हमारी रसोई में ही छिपी होती हैं और कभी-कभी, एक चम्मच चटनी पूरे बचपन की याद दिला जाती है।