देहरा – शिव गुलेरिया
हिमाचल प्रदेश के राज्य सतर्कता एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार द्वारा 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे साथ पकड़े गए परागपुर के खंड विकास अधिकारी (BDO) वीरेंद्र कुमार को तीन दिन की विजिलेंस कस्टडी में भेज दिया गया है, जो 20 फरवरी 2025 तक जारी रहेगी।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम पंचायत कडोआ की प्रधान रीना देवी ने सतर्कता विभाग को शिकायत दी थी कि खंड विकास अधिकारी (BDO) वीरेंद्र कुमार ने ₹1.5 लाख के सरकारी फंड को जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी।
यह फंड पंचायत के निर्माण कार्य के लिए उपायुक्त कार्यालय, कांगड़ा द्वारा स्वीकृत किया गया था। विजिलेंस ने शिकायत की पुष्टि के बाद 16 फरवरी को जाल बिछाया और BDO को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद BDO के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधित) अधिनियम, 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से आज 18 फरवरी को उन्हें तीन दिन की विजिलेंस कस्टडी में भेज दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम अब BDO वीरेंद्र कुमार की चल और अचल संपत्तियों की भी जांच कर सकती है। इस साल 2025 में हिमाचल प्रदेश राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की यह पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिससे सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है।