पदनाम तो मिल जाएगा लेकिन नहीं मिलेगा वित्तीय लाभ, 2016 से लेकर 2023 तक इसी तर्ज पर हुई है पदोन्नतियां शिक्षा विभाग ने तैयार कर लिया है इसका प्रस्ताव।
शिमला – नितिश पठानियां
राज्य सरकार मुख्य अध्यापक व प्रवक्ता को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य बनाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार भी नियमित पदोन्नति नहीं होगी (प्लेसमेंट होगी)। प्रधानाचार्य का पदनाम तो मिल जाएगा लेकिन वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। वर्ष 2016 से लेकर 2023 तक इसी तर्ज पर पदोन्नतियां हुई है।
लंबी है नियमित पदोन्नति की प्रक्रिया
सरकार इन पदोन्नतियों को नियमित करने की तैयारी में थी, लेकिन प्रक्रिया काफी लंबी है, इसलिए निर्णय लिया गया है कि इस बार पुराने तरीके से ही प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। पदोन्नति के लिए पात्र मुख्य अध्यापक व प्रवक्ताओं की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों को जांचा जा रहा है।
प्रधानाचार्य के 450 पद खाली
बता दें कि स्कूलों में प्रधानाचार्य के 450 के करीब पद खाली हैं। करीब इतने ही पदों पर पदोन्नति की तैयारी की जा रही है। सरकार अन्य श्रेणियों में भी पदोन्नति करेगी ताकि प्रधानाचार्य बनने से जो पद खाली होंगे उन्हें भी भरा जा सके।
2016 से 2023 तक की पदोन्नति नियमित करने पर काम शुरू
वर्ष 2016 से 2023 तक पदोन्नति को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे एक दो दिनों के भीतर राज्य लोकसेवा आयोग को भेजा जाएगा। जल्द ही विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक करवाकर इन पदोन्नतियों को नियमित किया जाएगा।