हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में सतलुज नदी में लापता हुए पूर्व मेयर के बेटे का शव 8 दिन बाद मिल गया है। हिमाचल पुलिस और गोताखोरों की टीम ने लापता वेत्री के शव को खोज लिया है। घटनास्थल से तीन किमी की दूरी पर वेत्री का शव मिला है। फिलहाल, शव को पोस्टमार्टम के लिए शिमला के आईजीएमसी अस्पताल भेजा गया है।
जानकारी के अनुसार, 4 फरवरी को किन्नौर के कल्पा के पांगी में केसांग नाला के पास घूमने जा रहे थे। इस दौरान उनकी इनोवा गाड़ी सतलुज नदी में गिर गई थी। हादसे में ड्राइवर की मौत और वेत्री का दोस्त घायल हो गए थे। पुलिस को घटना के अगले दिन चालक का शव मिला था जबकि वेत्री लापता हो गए थे।
मौके पर कुछ दूर चट्टान पर दिमाग का कुछ हिस्सा पुलिस को मिला था। लगातार 8 दिन से वेत्री की तलाश चल रही थी लेकिन अब 12 फरवरी को वेत्री का शव नदी से बरामद हुआ है। इस हादसे में कुल दो लोगों की मौत हुई है, जबकि अन्य शख्स घायल है।
कौन कौन कर रहा था तलाश
आईटीबीपी, एनएनडीआरएफ, नेवी, उत्तराखंड की एसडीआरएफ की टीम, होम गार्ड, माहूनाग एसोशिएसन के गोताखोर सहित करीब 100 से लोग वेत्री की तलाश कर रहे थे। यहां तक तक ड्रोन भी इस्तेमाल किया गया था। सोमवार को स्थानीय गोताखोरों ने हादसे वाली जगह से करीब तीन किमी आगे वेत्री के शव को सतलुज से निकाला है। पूरे सर्च ऑपरेशन को किन्नौर के डिप्टी एसपी नवीन झाल्टा चला रहे थे। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने उनकी तारीफ की है।
गौरतलब है कि वेत्री के पिता तमिलनाडू के चेन्नई के पूर्व मेयर रहे हैं। वह जयललिता की पार्टी से संबंध रखते हैं। उन्होंने बेटे के बारे में सुराग देने वालों को एक करोड़ रुपये ईनाम देने का ऐलान किया था लेकिन 8 दिन तक उनके बेटे का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। अब जाकर वेत्री की लाश नदी से मिली है।