मंडी और शिमला सचिवालय में बम धमकी के बाद सर्च ऑपरेशन जारी, किसी भी संदिग्ध वस्तु का पता नहीं चला, जनता से अफवाहों से बचने की अपील, परिसर में कुछ दिन तक निजी वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा।
हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश के राज्यसचिवालय और डीसी मंडी के दफ्तर को बम से उड़ाने की धमकी के बाद गुरुवार को भी मंडी में दोपहर तीन बजे तक सर्च ऑपरेशन जारी रहा। दूसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन के दौरान एंटी सबोटाज टीम को किसी भी तरह का बम या संदिग्ध सामान नहीं मिला।
सर्च ऑपरेशन के बाद डीसी, एसपी और कोर्ट परिसर को सैनिटाइज कर दिया गया है. जनता को घबराने की जरूरत नहीं है, कल से इन सभी परिसरों में सामान्य रूप से सभी काम संचालित होंगे लेकिन परिसर में कुछ दिन तक निजी वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा। यह जानकारी एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने सर्च ऑपरेशन संपन्न होने के बाद दी।
साक्षी वर्मा ने बताया कि बीते रोज ही तस्वीर साफ हो गई थी कि यहां किसी तरह का कोई संदिग्ध सामान नहीं है लेकिन थ्रेट मेल में दी गई धमकी के मुताबिक सुरक्षा की दृष्टि से आज भी परिसर को जनता के लिए बंद रखा गया था। शुक्रवार से परिसर में सभी कार्य फिर से सुचारू रूप से किए जाएंगे।
एसपी मंडी ने बताया कि इस पूरे सर्च ऑपरेशन में एंटी सबोटाज टीम के 50 जवान शामिल थे, इसके अलावा परिसर की सुरक्षा के लिए 50 अन्य जवानों की तैनाती कर दी गई है। उन्होंने जनता से किसी भी तरह की अफवाह से बचने की अपील की है।
एसपी मंडी ने बताया कि थ्रेट मेल आने के बाद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बीते रोज ही विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
थ्रेट मेल से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए साइबर क्राइम थाना सहित शिमला पुलिस से भी इस केस में मदद मांगी गई है। जिस तरह से इस मेल में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी तहव्वुर राणा का नाम का इस्तेमाल किया गया है, उसकी जांच पड़ताल जारी है। साथ ही जिस सर्वर से यह मेल प्राप्त हुई है, उसकी भी जांच की जा रही है।
शिमला में भी सर्च ऑपरेशन
उधर, बाद राज्य सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। बुधवार शाम को मुख्य सचिव को आई ईमेल के जरिए आई धमकी के बाद 24 घंटे से राज्य सचिवालय में चैकिंग और तलाशी अभियान जारी है।
शुक्रवार को भी यहां पर बम निरोधक दस्ता और डॉग स्कॉयड तलाशी अभियान में जुटे हैं, साथ ही खुफिया तंत्र भी पूरी तरह से सक्रिय है. सचिवालय की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है और सचिवालय आने वाले हर व्यक्ति की तलाशी ली जा रही है।
इस मामले पर मुख्य सचिव ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी इस धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता, वहीं कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एनआईए से जांच की बात कही है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना के बोल
इस धमकी पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि ईमेल की भाषा वही है जो मंडी के लिए की गई थी, इस ईमेल में आरडीएक्स के धमाके की बात कही कही गई थी।
उन्होंने कहा कि वीरवार सुबह 11.30 बजे धमाके की बात कही गई थी, ईमेल आने के बाद रात के समय सचिवालय में चैकिंग की गई और मेरे कार्यालय को भी खाली करवाया गया था लेकिन अब कुछ भी सदिंग्ध नहीं मिला है।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश की जनता को भी घबराने या डरने की जरूरत नहीं है, फिर भी हम इसको हल्के में नहीं ले रहे हैं, ईमेल में तहव्वुर राणा और तमिलनाडु की घटना का जिक्र किया गया है, इस मामले में डीजीपी से चर्चा की गई है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों से भी चर्चा की गई है, उनके सहयोग से इसका पता लगाया जा रहा है कि यह ईमेल कहां से आई है, राज्य सरकार की ओर से सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बोल
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले जांच कर रही है, ये कोरी धमकी के अतिरिक्त और कुछ नहीं लग रहा है लेकिन फिर भी देश के अलग-अलग हिस्सों में इस तरह की धमकियां आई हैं तो इसकी गहन जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि एनआईए को इसकी जांच करनी चाहिए।