हिमाचल के पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एनपी अग्रवाल ने नाहन में ली अंतिम सांस, बेटियों ने दी मुखाग्नि।
सिरमौर – नरेश कुमार राधे
रविवार को पूर्व स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. एनपी अग्रवाल (85) ने अपनी अंतिम सांस ली। डॉ. अग्रवाल ने अपने कैरियर के दौरान तीन जिलों-सिरमौर, चंबा और शिमला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के रूप में सेवाएं दी।
सीएमओ के रूप में उन्होंने लगभग 10 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं और अपने ईमानदार और समर्पित कार्यशैली के लिए पहचान बनाई।
रविवार सुबह उन्होंने नाहन के पक्का टैंक के समीप स्थित अपने निवास में अंतिम सांस ली। डॉ. एनपी अग्रवाल की बेटियों, डॉ. मोनिशा अग्रवाल और डॉ. मोनिका अग्रवाल ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस भावुक पल में परिवार व करीबी मौजूद रहे।
डॉ. एनपी अग्रवाल का स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान सराहनीय रहा। उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार हुए। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई नई पहल की, जो जनसामान्य के लिए लाभदायक सिद्ध हुईं।
उनकी समर्पित सेवाओं और नेतृत्व की वजह से उन्हें सभी सहकर्मियों और अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा सम्मान और आदर प्राप्त हुआ।
डॉ. अग्रवाल के परिवार में उनकी दो बेटियां हैं। उनकी बड़ी बेटी, डॉ. मोनिशा अग्रवाल, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (BMO) के रूप में सेवा दे रही हैं।
वहीं, उनकी छोटी बेटी, डॉ. मोनिका अग्रवाल, यमुनानगर डेंटल कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उनकी बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दी।
बता दें कि डाॅ. मोनिषा मौजूदा में स्वास्थ्य विभाग में धगेड़ा खंड में स्वास्थ्य खंड चिकित्सा अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं। विभाग में डाॅ. मोनिशा अग्रवाल अपनी शानदार कार्यशैली के लिए विशेष पहचान रखती हैं।
डॉ. एनपी अग्रवाल के निधन से चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनकी कमी सभी को खलेगी। उनके समर्पण और सेवा भावना की विरासत उनके साथियों और परिवार के सदस्यों के माध्यम से जीवित रहेगी।
डॉ. एनपी अग्रवाल की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जा रही है। साथ ही उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की जा रही है।