छह महीने में पूरी तरह तैयार हो जाएगा 62 किलोमीटर हाई-वे
हिमखबर डेस्क
हिमाचल की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कांगड़ा-शिमला फोरलेन के दो पैकेज का काम अक्तूबर में पूरा करने का लक्ष्य एनएचएआई ने रखा है। दरअसल जिस रफ्तार से रात-दिन काम चला हुआ है उसे देखकर यही कहा जा रहा है कि हमीरपुर से कांगड़ा तक 62 किलोमीटर का हाई-वे अगले छह महीने में पूरी तरह से कंप्लीट हो जाएगा। लगभग 35 किलोमीटर हाई-वे को जून में वाहनों के लिए ओपन करने की बात कही जा रही है।
बता दें कि मौजूदा समय में हमीरपुर के चीलबाहल से लेकर कांगड़ा तक बीच-बीच में ही हाई-वे को वाहनों के लिए खोला गया है, जबकि चीलबाहल से आगे कोहली तक 17 किलोमीटर मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद है। पांच पैकेज में बनने वाले शिमला-कांगड़ा फोरलेन के दो पैकेज का काम ही अभी जोर-शोर से चला हुआ है।
इनमें पैकेज पांच बी जो कि कांगड़ा से भंगवार तक 18 किलोमीटर का है उसका काम अंतिम चरण में है। इसका 96 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसे जून में पूरी तरह वाहनों के लिए ओपन कर दिया जाएगा। भंगवार से आगे जिला हमीरपुर के चीलबाहल तक जो 37 किलोमीटर का हाई-वे है उसे अक्तूबर तक ओपन किए जाने की बात कही जा रही। उसका काम अभी 63 फीसदी ही मुकम्मल हो पाया है।
चीलबाहल से आगे हमीरपुर के ही कोहली तक 17 किलोमीटर का जो हाई-वे है उसे भी जून में वाहनों की आवाजाही के लिए ओपन किए जाने की बात कही जा रही है। इसका काम 75 फीसदी मुक मल जो चुका है। चीलबाहल से कांगड़ा तक हाई-वे बीच-बीच में वाहनों के लिए ओपन हो गया है।
कोहली से आगे हाई-वे का स्टेट्स
कोहली से आगे जिला बिलासपुर के भगेड़ तक 36 किलोमीटर का जो हाई-वे बनना है उसका काम अभी शुरू नहीं हुआ है। इसे इसी वित्त वर्ष में यानी मार्च 2026 से पहले शुरू किए जाने की बात कही जा रही है। भगेड़ से आगे नौणीचौक तक 15 किलोमीटर फोरलेन कंप्लीट हो चुका है।
यह कीरतपुर-नेरचौक में आता है, जो कि वाहनों के लिए खुला हुआ है। नौणीचौक से भराड़ीघाट तक साढ़े 17 किलोमीटर फोरलेन का काम इसी महीने शुरू होगा। भराड़ीघाट से शिमला तक लगभग 40 किलोमीटर फोरलेन का काम शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा।
घोषणा के सात साल बाद शुरू हुआ काम
बताते चलें कि नेशनल हाई-वे शिमला-कांगड़ा को वर्ष 2016 में फोरलेन बनाने की घोषणा तत्कालीन व वर्तमान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की थी। 224 किलोमीटर लंबे शिमला-कांगड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन में कंवर्ट करने के लिए सर्वे मार्च, 2017 मेें शुरू हुआ था। मार्ग की फिजिविलिटी पर स्ट्डी के बाद इसके पांच पैकेज तय किए गए।
दिसंबर 2019 तक चले इस फोरलेन के सर्वे को लेकर सवाल उठते रहे। उसके बाद भी दिसंबर 2022 पर धरातल पर कुछ ऐसा नजर नहीं आया केवल यह हाई-वे कागजों में ही बनता रहा, लेकिन 2023 के बाद काम ने जो रफ्तार पकड़ी है। कंप्लीट होने के बाद इसकी दूरी 182 किलोमीटर रह जाएगी।