नालागढ़ – रजनीश ठाकुर
कहते हैं कि जब कोई अधिकारी ईमानदारी और सक्रियता से काम करता है, तो पूरा सिस्टम खुद-ब-खुद सुधरने लगता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) और वित्त विभाग के सचिव अभिषेक जैन तीन दिवसीय दौरे पर नालागढ़ पहुंचे।
उनके आगमन से पहले जिन सड़कों पर लंबे समय से गड्ढे थे, वहां अचानक मरम्मत का कार्य शुरू हो गया। पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी एसी दफ्तर छोड़कर सड़क पर उतरे और दिनभर मेहनत करते नजर आए।
खास बात यह रही कि नालागढ़ की मुख्य सड़क के गड्ढे, जो लंबे समय से लोगों के लिए परेशानी बने हुए थे, एक ही दिन में भर दिए गए। दौरे के दौरान सचिव ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय का निरीक्षण किया।
उन्होंने पाया कि नई बिल्डिंग होने के बावजूद कार्यालय में अब भी पुरानी फाइलें और फर्नीचर मौजूद हैं, जो 20वीं सदी की याद दिलाते हैं। सचिव खुद भी यह देखकर हैरान रह गए।
सचिव अभिषेक जैन ने नालागढ़ से पिंजौर तक नेशनल हाईवे की स्थिति का जायजा लिया और निर्माण एजेंसी को 30 अप्रैल तक मरम्मत कार्य पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।
इसके अलावा उन्होंने विश्व बैंक परियोजना के तहत 200 करोड़ रुपये की लागत से बनी बद्दी-साईं सड़क परियोजना की समीक्षा की, जिसे उन्होंने संतोषजनक बताया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सड़कों और पुलों पर साइन बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाए जाएं ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और आमजन को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
सचिव के दौरे से यह स्पष्ट संदेश गया है कि जब जिम्मेदार अफसर फील्ड में उतरते हैं, तो सरकारी मशीनरी भी एक्टिव मोड में आ जाती है।
नालागढ़ में हुए इस बदलाव ने यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति हो तो व्यवस्था को बेहतर बनाना मुमकिन है।