हिमखबर – डेस्क
दादा-दादी के लाड़ले 14 वर्षीय आदित्य ठाकुर पर अब जीवन की कठिन डगर में अकेले आगे बढ़ने की जिम्मेदारी आन पड़ी है। शुक्रवार की रात को आदित्य अब ताउम्र नहीं भूल पाएगा।
रात को परिवार के साथ खाना खाया और हंसी-खुशी उसका छोटा भाई माता-पिता के साथ सोने की जिद करते हुए उनके साथ चला गया।
लेकिन, आधी रात को भारी भूस्खलन ने आदित्य से माता-पिता और छोटे भाई को सदा के लिए छीन लिया। हादसे ने मृतक चमारू राम की मां गुड्डो देवी और बुजुर्ग पिता धर्मो राम को पूरी तरह से तोड़ कर रख दिया है।
रिश्तेदारी में काम के सिलसिले में शुक्रवार को निकले धर्मो राम को भी आधी रात के बाद पता चला कि उनकी मेहनत की कमाई से तैयार किया गया मकान भारी भूस्खलन से क्षतिग्रस्त होने के साथ बेटे-बहू और पोते को मौत की नींद सुला गया। अल सुबह जैसे-तैसे वह घर पहुंचे।
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए हादसा स्थल से दूर बैठाया। मृतकों के शवों को देख कर चारों और चीख-पुकार मच गई।
हर कोई गुड्डो देवी, धर्मो राम और उनके पोते को ढांढस बंधाता दिखा। अक्सर बीमार रहने वाले बुजुर्ग धर्मो राम पर भी एक बार फिर से परिवार के पालन-पोषण और पोते की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी आन पड़ी है।
कंपकंपाते हाथों से उन्होंने अपने बेटे, बहू और पोते को कंधा दिया और अंतिम संस्कार किया।
मृतक चमारू राम का छोटा भाई कुलदीप कुमार निजी सेक्टर में कार्यरत है और अपने परिवार के साथ वहीं रहता है।
सूचना मिलने के बाद वह भी दोपहर बाद घर पहुंचे और अंतिम संस्कार में शामिल हुए।