राजस्थान हाई कोर्ट में जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ छह साल की बच्ची से जुड़े मामले में सुनवाई कर रही थी. इस दौरान कोर्ट ने अहम टिप्पणी की।
व्यूरो रिपोर्ट – हिमखबर
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि लड़की के अंडरगार्मेंट्स उतारना और खुद के कपड़े भी उतारना रेप करने का प्रयास नहीं माना जाएगा।
अदालत की तरफ से कहा गया कि लड़की का इनरवियर उतारना आईपीसी की धारा 376 के साथ धारा 511 के तहत ‘रेप करने का प्रयास’ नहीं होगा, लेकिन यह धारा 354 के तहत महिला की शील भंग करने का अपराध माना जाएगा।
लाइव लॉ पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान हाई कोर्ट में जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी।
इस सुनवाई के दौरान कोर जस्टिस अनूप ने कहा कि ‘रेप की कोशिश’ क्या होती है और रेप करने के कोशिश और अभद्र हमला करने के बीच फर्क क्या है। कोर्ट ने कहा कि पहले के लिए आरोपी को तैयारी के चरण से आगे जाना होगा।
‘रेप केस के दायरे में नहीं आएगा’
राजस्थान हाई कोर्ट की पीठ ने ये भी साफ किया कि ‘रेप की कोशिश’ के अपराध के लिए तीन चरणों को पूरा करने की जरूरत है। सबसे पहले, अपराध करने का इरादा होना, दूसरा, उस अपराध को करने की दिशा में काम करना और तीसरा, यह काम अपराध की परिणति के नजदीक होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो रेप केस के दायरे में नहीं आएगा।
6 साल की बच्ची से जुड़ा है मामला
वहीं दूसरी तरफ राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि कोई भी काम जो तैयारी के चरण को पार करने वाले ऐसे अपराध से कम हो, धारा 354 आईपीसी के तहत अभद्रता माना जाता है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ये केस काफी पुराना है और छह साल की बच्ची से जुड़ा हुआ है।