मेडिकल कॉलेज की बड़ी चूक, जीवित कोविड पॉजिटिव मरीज को मृत घोषित कर परिजनों को दे दी सूचना

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ऊना, अमित शर्मा

कोविड के इस आपातकाल में किस प्रकार की व्यवस्थाएं हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक उपचाराधीन मरीज को मृत घोषित कर उसके परिजनों को सूचित कर दिया गया। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसका बुलेटिन जारी कर दिया गया। मौत का कारण कार्डियक अरैस्ट यानी हृदयाघात बताया गया।

दरअसल ऊना जिला के लठियाणी का 35 वर्षीय व्यक्ति उपचार के लिए गत 24 अप्रैल शनिवार को हमीरपुर के क्षेत्रीय चिकित्सालय पहुंचा था। यहां ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से उसे नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया। यह कोविड पॉजिटिव मरीज वहां उपचाराधीन था।

बुधवार 28 अप्रैल को सुबह करीब साढ़े 10 बजे पारिवारिक सदस्यों को सूचित किया गया कि मरीज की मौत हो चुकी है। उपचाराधीन व्यक्ति के भाई को यह खबर मिली तो वह सदमे में आ गया। हालांकि 9 बजे ही उसकी भाई से फोन पर बात हुई, जोकि नेरचौक मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन था। मैडीकल कालेज की तरफ से सूचना मिलने पर जब भाई को यकीन नहीं हो रहा था तो उसने उपचाराधीन अपने भाई को फोन किया। भाई ने बताया कि वह बिल्कुल ठीक है।

इस पर तत्काल उस टैलीफोन नंबर पर संपर्क किया गया जहां से मौत की सूचना दी गई थी लेकिन वह मानने को राजी नहीं हुए कि संबंधित मरीज ठीक है। दिनभर दोनों भाइयों और पारिवारिक सदस्यों के बीच फोन पर वार्तालाप चलता रहा। इसी बीच मैडीकल कालेज की तरफ से बुलेटिन भी जारी हो चुका और उसे समय पर ठीक भी नहीं किया गया। हालत यह है कि दस्तावेजों में 29 अप्रैल वीरवार को भी सायं 5 बजे तक दुरुस्त नहीं किया गया।

कोविड पॉजिटिव मरीज के भाई ने कहा कि मेडिकल कॉलेज ने गंभीर चूक की है। यदि वे सदमे में आकर सूचना को सही मान लेते तो अनर्थ हो जाता। उन्हें मेडिकल कॉलेज से आई फोन कॉल पर भरोसा न हुआ क्योंकि सुबह 9 बजे ही उपचाराधीन भाई से बात हुई थी। तत्काल फोन लगाया तो भाई ने सकुशल होने की बात कही। इस पर जब मैडीकल कालेज से आए फोन पर सूचित किया गया तो उसके बावजूद भी सूची को सही नहीं किया गया।

वे चाहते हैं कि मेडिकल कॉलेज अपनी गलती माने और सूची को सही करे। वे इसी बात से प्रसन्न हैं कि उनका भाई ठीक है और अब उसे ऑक्सीजन की भी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उसकी सेहत में काफी सुधार हो चुका है। उधर, सीएमओ ऊना डॉ. रमन शर्मा ने माना कि तकनीकी तौर पर गलती हुई है। मेडिकल कॉलेज नेरचौक में उनकी इस संबंध में बात हुई है। संबंधित स्टाफ पर भी कार्रवाई हुई है।

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