हिमखबर डेस्क
जिला कुल्लू में पिछले 48 घंटों में भारी बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला कुल्लू में सडक़ें अवरूद्ध हो गई हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। भारी बारिश होने से जिला में कई नालों का जलस्तर बढ़ा और भारी मलबा सडक़ों पर आ गिरा, जिससे सडकें दलदल बन गईं और अवरूद्ध हो गईं।
जिला मुख्यालय कुल्लू की बात करें, तो बीती रात करीब दस बजे गांधीनगर में भारी बारिश से सडक़ पर मलबा आया और अचानक यहां पर दो वाहन दलदल में फंस गए, जिससे मार्ग रात 10 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहा।
नौ बजे जेसीबी मशीन लगाकर यहां पर मार्ग बहाली का कार्य आरंभ किया था और 10 बजे के करीब मार्ग खुल गया। यहां पर लंबे रूट की बसें फंसी हुई थी। रायसन, सेऊबाग में भी भूस्खलन आने से मलबा आने से मार्ग बंद हो गया था। इसके अलावा छरूहड़ में भूस्खलन से मार्ग अवरूद्ध हो गया। मणिकर्ण घाटी की सडक़ भी अवरूद्ध हो गई है। मार्ग रिस्टोर करने का कार्य शुरू कर दिया है।
जिया-रामशिला के बीच फोरलेन पर एक तरफ भारी भूस्खलन हुआ है। भारी बारिश से जिला मुख्यालय कुल्लू में डंगे गिरने के कारण कई घरों को खतरा हुआ है। वहीं, शास्त्री नगर में घरों को खतरा बना हुआ है, जबकि शास्त्रीनगर में ही बीते शुक्रवार को नाले का जलस्तर बढऩे से दो-तीन खोखानुमा घर ढह गए हैं। गाडिय़ां मलबे में दब गई हैं। बिजली महादेव सडक़ पर भूस्खलन होने से गाड़ी चपेट में आ गई है। लिहाजा, बारिश से भारी नुकसान हो गया है।